अमृत के समान है यह औषधीय पौधा, बुखार के लिए रामबाण 

हमारे देश में औषधीय गुणों  से भरपूर पौधों की कोई  कमी नहीं है. 

प्राचीन काल से इलाज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा को महत्वपूर्ण माना जाता है. 

आज भी कई बीमारियों के इलाज में जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं औषधीय पौधों में एक पौधा गिलोय का है. 

गिलोय का पौधा अमृत के समान है. गिलोय लोंगेविटी ऑफ लाइफ के अलावा वातरक्त, ज्वर रोग यानी बुखार के लिए रामबाण औषधि है. 

शास्त्र में उल्लेख है कि जब देवताओं और दैत्यों के बीच अमृत को लेकर जब छीना झपटी हो रही थी, तब अमृत के पात्र से कुछ बूंदे नीचे गिर रही थी. उससे गिलोय उत्पन्न हुई है.

गिलोय में सेल रिच वेनेशन यानी कोशिका समृद्ध शिराविन्यास की पावर होती है. अगर हमारे शरीर में कोई डेथ सेल है तो उसे यह  ठीक कर देती है. 

गिलोय लोंगेविटी ऑफ लाइफ के अलावा बुखार के लिए रामबाण औषधि है.

गिलोय का इस्तेमाल अगर अरण्ड तेल के साथ प्रयोग किया जाए तो गाउट रोग यानी वातरक्त ठीक हो सकता है. 

गिलोय रसायन औषधीय है, इसलिए इसे बूढ़ा, बच्चा, स्त्री यानी हर वर्ग के लोग इस्तेमाल कर सकते हैं.