बनारस, जिसे काशी भी कहा जाता है, सनातन धर्म में एक अत्यंत पवित्र और प्राचीन नगर है.
इसे मोक्ष का द्वार माना जाता है और हिंदू धर्म में इसे सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है.
हिंदू मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति बनारस में मरता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, यही कारण है कि कई लोग अपनी अंतिम यात्रा बनारस करने आते हैं.
बनारस में एक कुआं है, जो व्यक्ति के मृत्यु के बारे में बताता है, चलिए जानते है इस कुएं की मान्यता ...
बनारस में एक चंद्रकूप नामक एक कुआं है, जो मृत्यु की भविष्यवाणी करने के लिए जाना जाता है.
यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति कुएं में देखता है और पानी में अपनी परछाई नहीं देख पाता है, तो इसका मतलब है कि आने वाले छह महीनों के भीतर उसका जीवन समाप्त हो जाएगा.
'चंद्रकूप' नाम दो शब्दों से बना है: 'चंद्र', जिसका अर्थ है चंद्रमा, और 'कूप', जिसका अर्थ कुआं है.
इस कुएं का निर्माण चंद्रदेव ने किया था, जो भगवान शिव के भक्त थे कई सालों तक प्रार्थना करने के बाद कुएं को रहस्यमय गुणों से संपन्न किया.
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