लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल पास हो गए हैं.

संसद के दोनों सदनों ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) बिल पारित किए हैं.

भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 में राजद्रोह से लेकर फर्जी खबरों और मॉब लिंचिंग तक में सजा के प्रावधान बदले गए हैं.

बीएनएस में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 7 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.

राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह, क्या सजा होगी?

शादी के नाम पर गुमराह करने या पहचान छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा होगी.

शादी के नाम पर धोखाधड़ी

प्रस्तावित बीएनएस की धारा 70(2) के तहत नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है.

नाबालिग से रेप में दोषी पाए गए तो

BNS के तहत आरोपियों के लिए जेंडर नूट्रैलिटी लागू होगा. यानी अब महिलाओं पर भी कानून के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.

जेंडर नूट्रैलिटी में महिलाओं को आरोपी बनाया जाएगा

अब मॉब लिंचिंग मामले में दोषी को फांसी की सजा दी जाएंगी.

मॉब लिंचिंग में सजा

हिट एंड रन यानी घटना के बाद पीड़ित को छोड़कर भागने पर 10 साल की सजा होगी.

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