छत्तीसगढ़ का अनोखा मंदिर: जहां से जाता है पाताल रास्ता, पूजे जाते हैं भोलेनाथ...
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में प्राचीन और धार्मिक कई स्थल है
जहां आज भी लोगों कि मान्यताओं के साथ कई रहस्य इन स्थलों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं.
ऐसा ही एक प्राचिन धार्मिक स्थल है सारासोर धाम, जहां कि मान्यताएं और रहस्य सालों से बरकरार है.
इस जगह का भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता से भी गहरा नाता है, चलिए जानते है.
यहां छोटी-छोटी नदियों से मिलकर बने महान नदी के बीच एक टापू पर भोलेनाथ और सतलोकी देवी मां का मंदिर स्थित है.
प्राचीन काल में मंदिर के नीचे पानी के रास्ते जाकर बैगा पुजारी पाताल लोक में देवी मां का पूजा किया करते थे.
एक बार पाताल लोक में पूजा करने के दौरान बैगा का तलवार वहां छूट गया था.
जब बैगा उसे वापस लेने गया तब देवी मां नाराज हो गईं और पाताल लोक में आने से मना कर दिया.
इसके बाद से ही नदी के ऊपर ही भोलेनाथ का मंदिर बनाकर पूजा किया जाने लगा.
सारासोर धार्मिक स्थल से ही राम वन गमन पथ का मार्ग है. भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता वनवास के दौरान इसी स्थान पर रुक कर विश्राम भी किया था.
यहां छोटी-छोटी नदियों से मिलकर बने महान नदी के बीच एक टापू पर भोलेनाथ और सतलोकी देवी मां का मंदिर स्थित है.
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