लोकसभा सीट की दिलचस्प कहानी: यहां के वोटर हर 5 साल में बदल देते हैं अपना सांसद, क्या इस बार टूटेगा मिथक
हम बात कर रहे हैं उत्तरप्रदेश के अमरोहा लोकसभा सीट की।
हम बात कर रहे हैं उत्तरप्रदेश के अमरोहा लोकसभा सीट की।
जी हां यहां की जनता हर 5 साल में अपना सांसद बदल देती हैं। इस परंपरा को आज तक कोई दल नहीं तोड़ पाया है।
जी हां यहां की जनता हर 5 साल में अपना सांसद बदल देती हैं। इस परंपरा को आज तक कोई दल नहीं तोड़ पाया है।
1980 के बाद अमरोहा से कोई भी लगातार दो बार सांसद नहीं बन सका हैं।
1980 के बाद अमरोहा से कोई भी लगातार दो बार सांसद नहीं बन सका हैं।
1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर चंद्रपाल सिंह ने लगातार दो चुनाव जीते।
1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर चंद्रपाल सिंह ने लगातार दो चुनाव जीते।
इसके बाद से अमरोहा के मतदाताओं ने दो बार लगातार कोई सांसद नहीं चुना।
इसके बाद से अमरोहा के मतदाताओं ने दो बार लगातार कोई सांसद नहीं चुना।
यहां के वोटर अपने सांसद से बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं और हर 5 साल बाद नए प्रत्याशी को सांसद बना देते हैं।
यहां के वोटर अपने सांसद से बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं और हर 5 साल बाद नए प्रत्याशी को सांसद बना देते हैं।
इस लोकसभा सीट में कुल 5 असेंबली सीटें लगती हैं, जिनके नाम अमरोहा, हसनपुर, धनौरा, नौगावां सादात और गढ़मुक्तेश्वर हैं।
इस लोकसभा सीट में कुल 5 असेंबली सीटें लगती हैं, जिनके नाम अमरोहा, हसनपुर, धनौरा, नौगावां सादात और गढ़मुक्तेश्वर हैं।
2024 के चुनाव में कांग्रेस के दानिश अली के सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है।
इस बार अमरोहा लोकसभा सीट से ये प्रत्याशी आमने-सामने होंगे
भाजपा- कंवर सिंह तंवर
बसपा- चौधरी मुजाहिद हुसैन
कांग्रेस- कुंवर दानिश अली
अब देखना होगा कि क्या यह मिथक इस बार टूट पाएगा या अमरोहा की प्राचीन परंपरा बनी रहेगी।
अब देखना होगा कि क्या यह मिथक इस बार टूट पाएगा या अमरोहा की प्राचीन परंपरा बनी रहेगी।