क्या है पंचतत्व भोजन महोत्सव, किस समय कौन से भोजन को खाना चाहिए?

भारतीय संस्कृति में भोजन को केवल शारीरिक ऊर्जा का साधन नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का माध्यम माना गया है.

 इसी दर्शन को साकार करता है पंचतत्व भोजन महोत्सव, जो हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपने आहार के माध्यम से पंचतत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को संतुलित करना चाहता है.

 यह महोत्सव भोजन को एक यज्ञ की तरह देखता है, जिसमें हर व्यंजन किसी न किसी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है.

 इस दौरान भोजन से पहले मंत्रोच्चार, भूमि व अन्न का स्पर्श कर आभार प्रकट किया जाता है.

 यज्ञ, ध्यान, सामूहिक भोज और उपवास ये सभी आयोजन शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में बांधते हैं.

पृथ्वी तत्व के लिए – चना, बाजरा, सब्जियां (सुबह 8–10 बजे)

जल तत्व के लिए – नारियल पानी, फल रस, तुलसी जल (11–1 बजे)

अग्नि तत्व के लिए – मूंग दाल, घी, गरम भोजन (12–2 बजे)

आकाश तत्व के लिए – फलाहार, उपवास, मध्यकालीन अल्पाहार (संध्या या एकादशी को)