क्या है ‘पिंक टैक्स’, और किन-किन चीजों पर लगता है...
पिंक टैक्स महिलाएं चुकाती हैं, लेकिन उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं होती है.
पिंक टैक्स कोई आधिकारिक टैक्स नहीं है, जिसे सरकार वसूलती है.
ये टैक्स कंपनियां वसूलती हैं और इसके जरिए महिलाओं की जेब पर असर पड़ता है.
पिंक टैक्स कोई साधारण टैक्स नहीं होता है,ये टैक्स जेंडर के हिसाब से वसूला जाता है.
खासकर जब कोई प्रोडक्ट महिलाओं के लिए डिजाइन होता है.
आसान शब्दों में कहें तो ये एक अदृश्य लागत है, जिसे महिलाएं अपने सामान और सर्विसेस के लिए चुकाती हैं.
ऐसे प्रोडक्ट्स जो खासतौर पर महिलाओं के लिए तैयार किए जाते हैं.
मेकअप का सामान, नेल पेंट, लिपस्टिक, आर्टिफ़िशियल ज्वेलरी, सेनिटरी पैड आदि इन सभी चीजों की कीमत काफी ज्यादा होती है.
इनके लिए महिलाओं को प्रोडक्शन कॉस्ट और मार्केटिंग कॉस्ट मिलाने के बाद भी करीब तीन गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है.
वहीं इसके अलावा जो प्रोडक्ट्स पुरुष और महिलाएं दोनों इस्तेमाल करते हैं, जैसे परफ्यूम, पेन, बैग, हेयर ऑयल, रेजर और कपड़े आदि.
ये प्रोडक्ट्स एक ही कंपनी के होने के बावजूद भी इनकी कीमत अलग-अलग होती है