कस्टडी और ज्यूडिशियल कस्टडी में क्या होता है अंतर?

आमतौर पर लोगों को कस्टडी और ज्युडिशियल कस्टडी एक ही लगती है, लेकिन ऐसा नहीं है.

कस्टडी क्या है

कस्टडी का मतलब होता है हिरासत यानि कि सुरक्षात्मक देखभाल के लिए किसी को भी पकड़ना.

लेकिन हिरासत और गिरफ्तारी दो अलग चीजें हैं. किसी को गिरफ्तार तब किया जाता है जब वह अपराध करने का दोषी हो या फिर उस पर अपराध करने की शंका हो.

कस्टडी का मतलब होता है उस शख्स को अस्थाई तौर पर जेल में रखना.

ज्यूडिशियल कस्टडी क्या है

जब किसी शख्स को मजिस्ट्रेट द्वारा हिरासत में रखा जाता है, तब इसे ज्युडिशियल कस्टडी कहा जाता है.

मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही आरोपी को एक तय समय के लिए जेल में रखा जाता है. तब वह आरोपी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी होता है.

कस्टडी और ज्युडिशियल कस्टडी में अंतर

– पुलिस कस्टडी में आरोपी को पुलिस थाने में रखती है, जबकि न्यायिक हिरासत में उसे जेल में रखा जाता है.

– पुलिस कस्टडी का टाइम 24 घंटे होता है और न्यायिक कस्टडी का कोई तय समय नहीं होता है. इसके लिए कोर्ट समय तय करती है.

– पुलिस कस्टडी में आरोपी को 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है, वहीं न्यायिक हिरासत में आरोपी को तब तक जेल में रखा जाता है, जब तक उसके खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा होता है, या फिर अदालत उसे जमानत नहीं दे देती है.

– पुलिस कस्टडी में हत्या, लूटपाट, चोरी इत्यादि के लिए रखा जाता है, वहीं न्यायिक हिरासत आमतौर पर भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी जैसे मामलों के लिए होती है.