गरुड़ पुराण कब और क्यों पढ़ना चाहिए? जानिये नियम
सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं, जिनमें से गरुड़ पुराण एक अहम ग्रंथ है.
यह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के द्वारा अपने भक्तों को दिए गए ज्ञान पर आधारित है.
इस पुराण में मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है.
इसके अलावा गरुण पुराण में इंसान के अलग-अलग कर्मों के लिए अलग-अलग दंड निर्धारित किए गए हैं.
इस ग्रंथ का पाठ आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद किया जाता है.
इससे आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और घर की शुद्धि होती है.
गरुड़ पुराण 18 महापुराणों में एक है, इस ग्रंथ में 19 हजार श्लोक हैं, जिसके सात हजार श्लोक में इंसान के जीवन से संबंधित है.
इसमें नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख किया गया है.
इस ग्रंथ का पाठ करने से इंसान को ज्ञान, यज्ञ, तप और आत्मज्ञान, सदाचार के बारे में जानकारी प्राप्त होती है.
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