पौष पुत्रदा एकादशी कल, नोट कर लें सही डेट, मुहूर्त और पूजा की सही विधि
पौष पुत्रदा एकादशी कल, नोट कर लें सही डेट, मुहूर्त और पूजा की सही विधि
पौष पुत्रदा एकादशी 30 दिसंबर 2025 को है। तो वहीं गौण पौष पुत्रदा एकादशी 31 दिसंबर को है
पौष पुत्रदा एकादशी 30 दिसंबर 2025 को है। तो वहीं गौण पौष पुत्रदा एकादशी 31 दिसंबर को है
जो लोग 30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखेंगे उनके लिए पारण समय 31 दिसंबर की दोपहर 01:26 से 03:31 बजे तक रहेगा
जो लोग 30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखेंगे उनके लिए पारण समय 31 दिसंबर की दोपहर 01:26 से 03:31 बजे तक रहेगा
वहीं जो लोग 31 दिसंबर को ये व्रत रखेंगे वो इस व्रत का पारण 1 जनवरी 2026 की सुबह 7:14 से 09:18 बजे तक करेंगे
वहीं जो लोग 31 दिसंबर को ये व्रत रखेंगे वो इस व्रत का पारण 1 जनवरी 2026 की सुबह 7:14 से 09:18 बजे तक करेंगे
पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
– पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
– पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
– इसके बाद भगवान की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें.
– शंख में जल भरकर भगवान विष्णु की प्रतिमा का अभिषेक करें.
– इसके बाद भगवान की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें.
– शंख में जल भरकर भगवान विष्णु की प्रतिमा का अभिषेक करें.
– इसके बाद भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और उन्हें चावल, फूल, अबीर, गुलाल, इत्र अर्पित करें।
– इसके बाद भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और उन्हें चावल, फूल, अबीर, गुलाल, इत्र अर्पित करें।
– इस दिन खुद भी पीले रंग के वस्त्र पहनें और भगवान को भी इसी रंग के वस्त्र चढ़ाएं.
– इस दिन खुद भी पीले रंग के वस्त्र पहनें और भगवान को भी इसी रंग के वस्त्र चढ़ाएं.
– भगवान को भोग स्वरूप मौसमी फल, आंवला, लौंग, नींबू, सुपारी और गाय के दूध से बनी खीर अर्पित करें। खीर में तुलसी का पत्ता जरूर डालें.
– भगवान को भोग स्वरूप मौसमी फल, आंवला, लौंग, नींबू, सुपारी और गाय के दूध से बनी खीर अर्पित करें। खीर में तुलसी का पत्ता जरूर डालें.
– इसके बाद एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें.
– अंत में भगवान की आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें.
– इसके बाद एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें.
– अंत में भगवान की आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें.