नवरात्रि में जवारे विसर्जन कब करें, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
नवरात्रि में जवारे विसर्जन कब करें, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 17 अप्रैल को समाप्त होगा और इसके अगले दिन यानी कि दशमी तिथि को जवारे विसर्जन किए जाएंगे।
इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 17 अप्रैल को समाप्त होगा और इसके अगले दिन यानी कि दशमी तिथि को जवारे विसर्जन किए जाएंगे।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 17 अप्रैल बुधवार के दिन दोपहर 03 बजकर 18 अप्रैल से लेकर
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 17 अप्रैल बुधवार के दिन दोपहर 03 बजकर 18 अप्रैल से लेकर
18 अप्रैल गुरुवार को शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है, लेकिन दशमी तिथि का सूर्योदय 18 अप्रैल को होगा
18 अप्रैल गुरुवार को शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है, लेकिन दशमी तिथि का सूर्योदय 18 अप्रैल को होगा
इसलिए इसी दिन जवारे विसर्जन किए जाएंगे, इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं
इसलिए इसी दिन जवारे विसर्जन किए जाएंगे, इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं
शुभ मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक है
शुभ मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक है
माता रानी की पूजा करने के बाद जवारे की पूजा करें चावल, फूल, कुमकुम आदि चढ़ाएं.
माता रानी की पूजा करने के बाद जवारे की पूजा करें चावल, फूल, कुमकुम आदि चढ़ाएं.
इन जवारों को माथे पर रखकर माता के भजन करने के साथ नदी या तालाब तक लेकर जाएं
इन जवारों को माथे पर रखकर माता के भजन करने के साथ नदी या तालाब तक लेकर जाएं
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