कौन सी है भारत की सबसे छोटी नदी, लंबाई सुनकर हो जाएंगे हैरान
कौन सी है भारत की सबसे छोटी नदी, लंबाई सुनकर हो जाएंगे हैरान
भारत में 400 से अधिक छोटी-बड़ी नदियां हैं. क्या आपको भारत की सबसे छोटी नदी के बारे में पता है. अगर नहीं तो आज हम आपकों को इसके बारे बताने जा रहे हैं.
भारत में 400 से अधिक छोटी-बड़ी नदियां हैं. क्या आपको भारत की सबसे छोटी नदी के बारे में पता है. अगर नहीं तो आज हम आपकों को इसके बारे बताने जा रहे हैं.
भारत की सबसे छोटी नदी 'अरवरी नदी' है, जो कि अरावली पर्वतमाला से निकलती है. यह नदी राजस्थान के अलवर जिले से बहने वाली नदी है.
भारत की सबसे छोटी नदी 'अरवरी नदी' है, जो कि अरावली पर्वतमाला से निकलती है. यह नदी राजस्थान के अलवर जिले से बहने वाली नदी है.
अरवरी नदी सकरा बांध से निकलने के बाद सारसा नदी में साथ मिल जाती है, जिससे यह सानवान नदी बन जाती है. इसके बाद यह नदी बाणगंगा से मिलती है, जो कि बाद में गंभीर नदी में मिलती है.
अरवरी नदी सकरा बांध से निकलने के बाद सारसा नदी में साथ मिल जाती है, जिससे यह सानवान नदी बन जाती है. इसके बाद यह नदी बाणगंगा से मिलती है, जो कि बाद में गंभीर नदी में मिलती है.
गंभीर नदी आगे बढ़ने पर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में यमुना नदी में मिल जाती है. इसके बाद यह नदी प्रयागराज में गंगा नदी के साथ मिल जाती है और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.
गंभीर नदी आगे बढ़ने पर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में यमुना नदी में मिल जाती है. इसके बाद यह नदी प्रयागराज में गंगा नदी के साथ मिल जाती है और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.
अरवरी नदी की कुल लंबाई 45 किलोमीटर है. इसकी कुल बेसिन क्षेत्र 492 वर्ग किलोमीटर है.
अरवरी नदी की कुल लंबाई 45 किलोमीटर है. इसकी कुल बेसिन क्षेत्र 492 वर्ग किलोमीटर है.
बताया जाता है कि 1985 में यह नदी पूरी तरह से सूख गई थी. जिसके बाद यह नदी लुप्त हो गई थी.
बताया जाता है कि 1985 में यह नदी पूरी तरह से सूख गई थी. जिसके बाद यह नदी लुप्त हो गई थी.
फिर 1987 में स्थानीय स्तर पर लोगों ने 300 से अधिक बांध बनाए और इस नदी को पुनर्जीवित करने का काम किया.
फिर 1987 में स्थानीय स्तर पर लोगों ने 300 से अधिक बांध बनाए और इस नदी को पुनर्जीवित करने का काम किया.