सावन के महीने में क्यों नहीं होते हैं विवाह जैसे शुभ काम, इसी महीने हुआ था शिव-पार्वती विवाह?

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और पूरे भारतवर्ष में इसे भक्ति, व्रत और संयम का प्रतीक माना जाता है.

लेकिन इतना पवित्र और शुभ महीना होने के बावजूद, सावन में शादियों को क्यों टाला जाता है?

दरअसल, सावन का महीना चातुर्मास के समय आता है.

इस दौरान भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा यानी गहरी नींद में चले जाते हैं

हिंदू मान्यताओं के अनुसार शादी-विवाह जैसे बड़े मांगलिक काम भगवान विष्णु के आशीर्वाद के बिना पूरे नहीं हो सकते

इसलिए जब वह योग निद्रा में होते हैं, तब इस तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लगाई जाती है

कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु ध्यान की अवस्था में होते हैं, तब वह धरती का संचालन भगवान शिव को सौंप देते हैं.

इस समय भगवान शिव की पूजा-आराधना की जाती है, लेकिन वह खुद शादी समारोह में शामिल नहीं होते, इसलिए सावन में शादी करना शुभ नहीं माना जाता.

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