आखिर क्यों नहीं जानते बंदर अदरक का स्वाद, जानिए दिलचस्प वजह
बंदर क्या जानें अदरक की स्वाद यह मुहावरा आपने जरूर सुना होगा।
बंदर क्या जानें अदरक की स्वाद यह मुहावरा आपने जरूर सुना होगा।
जिसका अर्थ है मूर्ख को गुण की परख न होना या किसी अज्ञानी व्यक्ति को किसी चीज का महत्व या जानकारी न होना।
जिसका अर्थ है मूर्ख को गुण की परख न होना या किसी अज्ञानी व्यक्ति को किसी चीज का महत्व या जानकारी न होना।
आखिर क्या वजह है कि बंदर अदरक का स्वाद जान ही नहीं पाए।
आखिर क्या वजह है कि बंदर अदरक का स्वाद जान ही नहीं पाए।
इसकी वजह काफी दिलचस्प है, इसकी वजह बंदर नहीं, बल्कि अदरक है।
इसकी वजह काफी दिलचस्प है, इसकी वजह बंदर नहीं, बल्कि अदरक है।
बंदर एक शाकाहारी जानवर है और वह अपने पेट भरने के लिए पेड़-पौधे में लगे पत्ते, फल और फूल का सहारा लेता है।
बंदर एक शाकाहारी जानवर है और वह अपने पेट भरने के लिए पेड़-पौधे में लगे पत्ते, फल और फूल का सहारा लेता है।
अदरक एक तरह से भूमिगत तना है। अदरक में कोई स्वाद ही नहीं होता, न ही ये खट्टा होता है न ही मीठा और न ही कड़वा।
अदरक एक तरह से भूमिगत तना है। अदरक में कोई स्वाद ही नहीं होता, न ही ये खट्टा होता है न ही मीठा और न ही कड़वा।
अदरक के गुण और सुगंध को पहचानने की क्षमता मनुष्यों में होती है, लेकिन बंदर को अदरक खाने के लिए दिया जाता है तो वो उसे चखते ही फेंक देता है।
अदरक के गुण और सुगंध को पहचानने की क्षमता मनुष्यों में होती है, लेकिन बंदर को अदरक खाने के लिए दिया जाता है तो वो उसे चखते ही फेंक देता है।
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