बिना मिट्टी के करवे के पूजा अधूरी मानी जाती है, मान्यता है कि जब चांद के दर्शन के बाद पति अपनी पत्नी को करवे से जल पिलाते हैं
बिना मिट्टी के करवे के पूजा अधूरी मानी जाती है, मान्यता है कि जब चांद के दर्शन के बाद पति अपनी पत्नी को करवे से जल पिलाते हैं