हिंदू नव वर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर में इतना फर्क क्यों?
हिंदू नव वर्ष को नया साल भी कहा जाता है.
चैत्र महीने के पहले दिन हिंदू नव वर्ष मनाया जाता है. यह दिन विक्रम संवत 2082 वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है.
विक्रम संवत एक पुराना भारतीय कैलेंडर है जो चांद और सूरज दोनों को देखकर चलता है.
इसका नया साल चैत्र महीने के पहले दिन आता है, जिसे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा कहते हैं. इसकी स्थापना प्राचीन राजा विक्रमादित्य ने की थी.
हिंदू नव वर्ष 30 मार्च को क्यों?
हिंदू परंपरा के अनुसार, नया साल 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता, क्योंकि यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के बजाय चंद्र कैलेंडर का पालन करता है.
हिंदू कैलेंडर चांद की गति के हिसाब से चलता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर (ग्रेगोरियन) सूरज की गति के हिसाब से चलता है.
इसलिए, हिंदू नव वर्ष 1 जनवरी को नहीं आता.
हिंदू नव वर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर में क्या फर्क
ग्रेगोरियन कैलेंडर सौर आधारित होता है. ये सूरज के हिसाब से चलता है.
मतलब, ये देखता है कि धरती सूरज का एक चक्कर कितने दिन में लगाती है.
इसमें 12 महीने होते हैं और हर महीने में 30 या 31 दिन होते हैं. इसका नया साल 1 जनवरी को शुरू होता है.
जबकि हिंदू कैलेंडर चांद के हिसाब से चलता है. ये देखता है कि चांद धरती का एक चक्कर कितने दिन में लगाता है.
इसमें भी 12 महीने होते हैं, लेकिन आमतौर पर हर महीने में 28 दिन होते हैं.
इसका नया साल हमेशा एक ही तारीख को नहीं आता, क्योंकि चांद की गति बदलती रहती है.