वैसे तो देशभर में पिंडदान के लिए 55 स्थान है, लेकिन उन सभी में बिहार का गया तीर्थ सर्वोपरि है.
कब किया जाता है पिंडदान और तर्पण'
हर साल भादो माह की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है इस दौरान पितरों का पिंडदान और तर्पण किया जाता है.
गया में ही पिंडदान क्यों
धार्मिक मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है
पिंडदान का महत्व
भगवान राम और सीता ने पिता राजा दशरथ का पिंडदान गया में किया था, गरुड़ पुराण के मुताबिक अगर यहां पिंडदान किया जाए तो पितरों को सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
पितृ तीर्थ
धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीहरि यहां पर पितृ देवता के रूप में विराजमान रहते हैं। इसलिए इसे भी कहा जाता है
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