एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए...
सनातन धर्म में हर माह में कुल 2 एकादशी आती है, एक साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि के दिन चावल खाने की मनाही होती है, चलिए जानते है ऐसा क्यों
मान्यता है कि इस दिन चावल खाना मतलब महर्षि मेधा के मांस खाने के बराबर है.
असल में महर्षि मेधा माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए एकादशी के ही दिन अपने शरीर का त्याग कर दिया था.
महर्षि का जन्म चावल और जौ के रूप में हुआ था इसलिए इस दिन चावल लोग नहीं खाते हैं. चावल को सात्विक भोजन नहीं मानते हैं.
एकादशी के दिन चावल खाने से रेंगने वाले जीव के रूप में जन्म होता है.
एकादशी के दिन वैसे तो सभी को दान करना अच्छा माना गया है.
लेकिन व्रती को इस दिन सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, जल, जूता, आसन, पंखा, छतरी और फल इत्यादि का दान करना चाहिए.
एकादशी के अगले दिन चावल खाना क्यों है शुभ?
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