क्या फिर लेना होगा बूस्टर डोज? इन 5 देशों में उठी कोरोना की नई लहर
एशिया के कई देशों में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं.
सिंगापुर, चीन, थाईलैंड, हांगकांग और भारत में नई लहर की खबरें सामने आ रही हैं. भारत में 19 मई 2025 तक 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं.
आइए जानते हैं कि क्या है स्थिति और क्या फिर से बूस्टर डोज लेना जरूरी है.
इस नई लहर के लिए ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 जिम्मेदार हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को दिसंबर 2023 में ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था.
यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा खजिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है, जैसे बुजुर्ग, बच्चे या जिन्हें डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियां हैं.
उन्हें बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जा रही है.ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और शरीर में दर्द देखे जा रहे हैं.
जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है, जैसे बुजुर्ग, बच्चे या जिन्हें डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियां हैं. उन्हें बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जा रही है.
भारत में स्थिति नियंत्रण में है. सक्रिय मामले देश की बड़ी आबादी के हिसाब से बहुत कम हैं. ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण हैं.
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