World Poetry Day 2024: विश्व कविता दिवस के दिन पढ़ें कुछ चुनिंदा लेख...

21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 1999 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने अपने 30वें जनरल कॉन्फ्रेंस में World Poetry Day  की शुरुआत की थी.

तो आइए पढ़ते हैं वो कविताएं, जो हमारी ज़िंदगी को नई राहें दिखाने का काम करती हैं.

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया.

मजरूह सुल्तानपुरी

उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है, जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है.

- वसीम बरेलवी

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है.

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं, नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है.

- अमीर मीनाई

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