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अभिषेक सेमर, तखतपुर. क्षेत्र में इन दिनों बीज निगम की ओर से किसानों के लिए दिए जा रहे चने की चर्चा है. दरअसल, यहां कुछ हितग्राहियों को घुन लगा हुआ चना वितरित किया गया है. इसे लेकर जिम्मेदारों को दोषी ठहराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जवाबदेह अधिकारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हैं. यहां तक कि इस लापरवाही के लिए कृषि विभाग को दोषी ठहराया जा रहा है.
कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने इस मामले की शिकायत बकायदा लिखित तौर पर सेंदरी के बीज निगम प्रबंधक राजेश जैन से की थी. लेकिन कृषि विभाग की शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. जिसके चलते समस्या का कोई हल नहीं किया जा सका. नतीजन हितग्राहियों को घुन लगा हुआ चना दिया जा रहा है. आलम देखकर लगता है कि किसानों को जो चने मिलने वाले हैं, उसे ही अब चबाना पड़ेगा. क्योंकि चने का असली माल कहीं और चबाया जा चुका है. अब लोग तो ये भी कहने लगे हैं कि किस्मत वाले किसानों को चना मिला है.
प्रबंधक ने कृषि विभाग पर फोड़ा ठिकरा
राजेश जैन से ने इस बारे में बताया कि बीज निगम द्वारा अक्टूबर-नवम्बर महीने में चना भेज दिया गया था. लेकिन कृषि विभाग समय पर चने का वितरण नहीं कर पाया. जिसकी वजह से चने में डंक (घुन) लग गई. जिसकी पूरी जिम्मेदारी कृषि विभाग की है. बहरहाल इस पूरे मामले में अधिकारी एक दूसरे पर दोषारोपण करते नजर आ रहे हैं.
वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी रघुराज सिंह गौतम ने बताया कि बीज ग्राम योजना के तहत नवंबर महीने में चना मिला था. जब वितरण करने के लिए देखा तो चना घुन लगा हुआ था. फिर बीज निरीक्षक द्वारा जांच के बाद 47 बोरा (15 क्विंटल) चने को रिजेक्ट कर दिया. जिसे अलग से स्टैकिंग कर रखवा दिया गया है. चना खराब होने के संबंध में 6 दिसंबर को बीज प्रबंधक सेंदरी और उपसंचालक कृषि बिलासपुर को लिखित जानकारी दे दी गई है. यदि उस लॉट के बीज कि सभी जगह शिकायत आई हो तो लॉट रिजेक्ट करने लायक है.
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