रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने राज्य सरकार द्वारा कृषि विधेयक लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र के आयोजित किये जाने का स्वागत किया है। साथ ही राज्यपाल महोदया से अनुरोध किया है कि इस विशेष सत्र को नये कृषि कानून में विरोधाभास दूर करने एवम कोरोना काल में किसानों की विपरीत आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सत्र आयोजित करने में राज्य सरकार को अनुमति देने का अनुरोध किया है ।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य रूपन चंद्राकर, पारसनाथ साहू जनक लाल ठाकुर, जागेश्वर चंद्राकर, तेजराम विद्रोही, द्वारिका साहू एवम डॉ डॉक्टर संकेत ठाकुर ने राज्य सरकार से के विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने महासंघ की मांग को स्वीकार किया अतः प्रदेश के समस्त 37 लाख किसान परिवार आभार व्यक्त करते हैं। उनके आभारी है साथ ही किसान नेताओं ने अनुरोध किया है कि धान की खरीदी पूर्व की तरह 1 नवंबर से आरंभ की जावे क्योंकि किसानों द्वारा धान फसल कटना चालू की जा चुकी है और कृषि उपज मंडी में धान सिर्फ रु 1400-1500 प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है । ज्ञातव्य है कि पूरे देश में धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर चालू हो चुकी है और केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक 8 राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी लगभग 98 लाख टन हो चुकी है जबकि छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी अभी तक प्रारंभ नहीं हुई है ।

किसान महासंघ ने यह भी आग्रह किया है विधानसभा के विशेष सत्र के आयोजन के पहले प्रदेश के किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री विधेयक पर अवश्य चर्चा करने आमंत्रित करें। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि कहीं ऐसा ना हो कि केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी बर्ताव करते हुए किसानों को विश्वास में ना लें और कोई अलग तरह का कानून आ जाए।