रायपुर. छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों का बड़े पैमाने पर तबादला किया गया है. इसमें निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षकों का ट्रांसफर किया गया है. जिसका आदेश डीजीपी अशोक जुनेजा ने जारी किया है. जारी आदेश के मुताबिक 318 पुलिस कर्मियों का तबादला किया गया है. जिसमें 253 निरीक्षक, 12 उपनिरीक्षक, 15 सहायक उपनिरीक्षक, 7 प्रधान आरक्षक और 31 आरक्षक का नाम शामिल किया गया है. हालांकि जारी आदेश में पुलिस विभाग की ओर से बड़ी चूक की गई है. ये चूक ऐसी है कि विभाग ने मृत व्यक्ति का भी तबादला कर दिया है. जिसकी मौत अक्टूबर 2021 में सड़क हादसे में हो गई थी.
बता दें कि, पुलिस स्थापना बोर्ड के निर्णय के अनुसार डीजीपी जुनेजा ने बड़े पैमाने में तबादले का आदेश जारी किया है. आलम ये है कि पुलिस विभाग ने जो तबादले का आदेश जारी किया है उसमें से पुलिसकर्मी की मौत हो चुकी है. ऐसे में पुलिस विभाग की घोर लापरवाही की पोल खुलते नजर आ रही है. पुलिस विभाग और डीजीपी जुनेजा तबादले को लेकर इतने मशगुल थे कि जीवित और मृत व्यक्ति में भी अंतर करना ही भूल गए. जारी आदेश में 288 नंबर पर आरक्षक तस्लीम आरिफ खान का नाम है, जिनका तबादला कोरबा से मुंगेली किया गया है. अब सवाल ये उठता है कि एक मुर्दा ड्यूटी पर कैसे मौजूद होगा. डीजीपी जुनेजा के आदेश जारी करने के बाद पुलिस विभाग के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.
बता दें कि प्रधान आरक्षक तस्लीम आरिफ 5 अक्टूबर 2021 को हरदी बाजार अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी में शामिल होकर लौट रहा था. तभी देर रात 2 बजे अपने घर बालको वापस आते समय उनकी कार अनियंत्रित हो गई और एक घर की दीवार जाकर टकरा गई थी. आसपास के लोगों ने 112 को कॉल किया और जिला अस्पताल भर्ती करवाया था. हालत नाजुक होने के कारण जिला अस्पताल ने प्रधान आरक्षक को निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
8 अक्टूबर 2021 को सड़क हादसे में आरक्षक तस्लीम आरिफ की मौत की खबर भी LALLURAM.COM ने प्रकाशित की थी, जिसे आप पढ़ सकते हैं.
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