Controversy Over Bengal Jagannath Dham Temple: पश्चिम बंगाल में नवनिर्मित ‘जगन्नाथ धाम’ मंदिर या कहें दीघा जगन्नाथ धाम (Digha Jagannath Dham) को लेकर विवाद बढ़ गया है। बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के समुद्र तटीय शहर दीघा में नवनिर्मित भव्य जगन्नाथ मंदिर का 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन लोकार्पण हुआ। हालांकि लोकार्पण होने के साथ ही इस मंदिर का ओडिशा में विरोध शुरू हो गया है। पुरी जगन्नाथ मंदिर के पंडितों, सेवकों, विद्वानों, कलाकारों और शोधकर्ता मंदिर का नाम ‘जगन्नाथ धाम’ रखने पर आपत्ति जताई है।

‘हिंदुओं को बचाओगे तो हम तुम्हारे…,’ पश्चिम बंगाल में भारतीय सेना के जवान को दी धमकी, कश्मीर में है तैनात

ओडिशा के लोगों ने मंदिर बनाने का समर्थन किया, लेकिन नाम पर एतराज जताया। उनका कहना है कि जगन्नाथ धाम सिर्फ पुरी में है, अन्य मंदिर को यह नाम देना हिन्दू मान्यताओं-परंपराओं के खिलाफ है।

पंजाब और हरियाणा में छिड़ा ‘पानी युद्ध’, चंडीगढ़ से दिल्ली तक ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी, गृह मंत्रालय को करनी पड़ी एंट्री, जानें पूरा मामला

पुरी समेत ओडिशा के लोगों ने इसके लिए बंगाल सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मांफी मांगने की मांग की है। देश के फेमस सैंड आर्टिस्ट पद्म श्री सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के CM मोहन चरण माझी को चिट्‌ठी लिखकर पश्चिम बंगाल सरकार से बात करने का आग्रह किया है। उन्होंने ममता बनर्जी से भी माफी मांगने को कहा है।

‘हिंदी हमारी मां और मराठी हमारी…’, राज ठाकरे पर BJP नेता ने कसा तंज

सुदर्शन पटनायक ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह दीघा स्थित मंदिर को धाम के रूप में पेश करने के लिए भगवान जगन्नाथ के लाखों भक्तों से माफी मांगें। वहीं श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य माधब महापात्र ने कहा कि ममता बनर्जी झूठा दावा करने से बचें। यह जगन्नाथ धाम और सनातन धर्म के खिलाफ साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।

पहलगाम हमले के बाद भारत में 10 लाख साइबर अटैक, पाकिस्तान समेत इन देशों से हुई हैकिंग की कोशिश

धाम को लेकर आपत्ति

मंदिर के प्रचार में ‘धाम’ शब्द और पुरी मंदिर के प्रतीक ‘नीलचक्र’ की तस्वीर के इस्तेमाल पर भी पुरी के कुछ सेवकों और संस्कृति शोधकर्ताओं ने आपत्ति जताई है। दैतापति रामचंद्र दासमोहपात्रा ने स्पष्ट किया कि हिन्दू परंपरा में चार ही धाम माने जाते हैं- बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी और रामेश्वरम। उन्होंने यह भी कहा कि दीघा मंदिर में बनी मूर्तियां पत्थर की हैं, जबकि भगवान जगन्नाथ की मूर्तियां नीम की लकड़ी (दारू) से बनती हैं, जो धार्मिक मान्यता के अनुसार आवश्यक है।

हां, हमने आतंकवादी पाले… पाकिस्तान के डर्टी खेल का बिलावल भुट्टो ने खुद किया खुलासा, कहा- ये कोई सीक्रेट नहीं

सेवकों की चिंता यह भी है कि दीघा मंदिर बंगाल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुरी का एक विकल्प बन सकता है। ओडिशा सरकार के अनुसार, 2023 में राज्य में आने वाले 97 लाख घरेलू पर्यटकों में से 14% पश्चिम बंगाल से थे।

पहलगाम आतंकी हमले की इनसाइड स्टोरीः धर्म पूछा, कलमा पढ़ने को कहा और गोली चला दी, आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर मारी गोली, चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m