कोलकाता। कोलकाता मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर देशभर में चल रहे विरोध के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने लगभग 43 डॉक्टरों के तबादले का आदेश दिया. तबादला आदेश पर मेडिकल बिरादरी और विपक्षी दलों ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार के प्रतिशोधी रवैये को दर्शाता है.
डॉक्टरों ने कहा कि इन 43 डॉक्टरों को मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए दंडित किया गया है. यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन (यूडीएफए) ने भी तबादले की कड़ी निंदा की और दावा किया कि यह मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के विरोध का समर्थन करने वाले डॉक्टरों का अन्यायपूर्ण तबादला है.
यूडीएफए ने कहा, “ये दंडात्मक उपाय न्याय और सुरक्षा की हमारी मांगों को दबा नहीं पाएंगे. हम अपनी लड़ाई में एकजुट और दृढ़ हैं.”
डॉक्टरों के विरोध के बीच 40 से ज़्यादा डॉक्टरों के तबादले पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि डॉक्टर बलात्कार और हत्या की घटना में न्याय के लिए आवाज़ उठाने पर तृणमूल सरकार ने 43 डॉक्टरों का तबादला कर दिया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस सोशल मीडिया पर घटना के खिलाफ़ बोलने पर लोगों को धमका रही है.
पूनावाला ने एक्स पर लिखा, “पूरे देश में हर कोई नाराज़ है और सिर्फ़ एक ही मांग कर रहा है कि पीड़िता को न्याय मिले. लेकिन न्याय के बजाय तृणमूल सरकार का एजेंडा बलात्कारी को बचाना है. वे बेटी को बचाना नहीं चाहते. तृणमूल का मतलब तृणमूल कांग्रेस नहीं है, बल्कि ‘तालिबान मुझे चाहिए’ है.”