AUS vs WI: वेस्टइंडीज के नाम क्रिकेट इतिहास का एक और काला अध्याय दर्ज हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जमैका के सबीना पार्क स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में मिचेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड की घातक गेंदबाजी के आगे वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ 27 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 176 रन से जीतकर 3 मैचों की सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया है। पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने 159 रन से और दूसरा टेस्ट 133 रन से जीता था।
वेस्टइंडीज के नाम दर्ज हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड
बता दें कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 70 साल बाद ऐसा हुआ है कि कोई टीम सिर्फ 30 या उससे कम रन बनाकर पूरी तरह ऑल आउट हो गई हो। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे लोएस्ट स्कोर न्यूजीलैंड के नाम है। न्यूजीलैंड की टीम साल 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ महज 26 रन के स्कोर पर ढेर हो गई थी। वेस्टइंडीज की टीम किंग्स्टन टेस्ट की दूसरी पारी में 27 रन पर ऑलआउट हो गई। यह टेस्ट क्रिकेट का दूसरा सबसे छोटा स्कोर है।
इतना ही नहीं, कैरेबियाई टीम की इस पारी ने 129 साल पुराना एक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। दरअसल, चौथी पारी के लिहाज से देखें तो यह टेस्ट क्रिकेट का सबसे कम स्कोर है। इससे 129 साल पहले सन 1896 में साउथ अफ्रीका की टीम चौथी पारी में 30 रनों पर सिमट गई थी।
टेस्ट में सबसे कम स्कोर
- न्यूजीलैंड 26 बनाम इंग्लैंड 1955 (तीसरी पारी)
- वेस्टइंडीज 27 बनाम ऑस्ट्रेलिया 2025 (चौथी पारी)
- साउथ अफ्रीका 30 बनाम इंग्लैंड 1896 (चौथी पारी)
- साउथ अफ्रीका 30 बनाम इंग्लैंड 1924 (दूसरी पारी)
एक पारी में सर्वाधिक डक का नया रिकॉर्ड
वेस्टइंडीज की पूरी टीम 27 रन पर सिमटी, जिसमें 7 बल्लेबाज़- जॉन कैंपबेल, रोस्टन चेज़, केल्वन एंडरसन, ब्रैंडन किंग, शमार जोसेफ, जोमेल वारिकन और जेडन सील्स बिना खाता खोले (डक पर) आउट हुए। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक पारी में सर्वाधिक डक का नया रिकॉर्ड है। इससे पहले अधिकतम 6 डक का रिकॉर्ड था।
सैम कोन्स्टास की गलती ने शर्मनाक रिकॉर्ड बराबरी से बचाया
जब वेस्टइंडीज का स्कोर 26 रन था, तब एक आसान कैच को सैम कोन्स्टास ने ड्रॉप कर दिया। अगर वह कैच लिया जाता, तो वेस्टइंडीज 1955 में न्यूजीलैंड के 26 रनों के शर्मनाक रिकॉर्ड की बराबरी कर लेता। इस एक मिसफील्डिंग ने उन्हें टेस्ट इतिहास के सबसे कम स्कोर से बाल-बाल बचाया।
मैच में क्या हुआ ?

पहली पारी से ही हावी रहा ऑस्ट्रेलिया
तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच पहली पारी से ही मुकाबला एकतरफा नजर आने लगा था। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 225 रन बनाए, जिसमें स्टीव स्मिथ (48) और कैमरन ग्रीन (46) ने सबसे अहम योगदान दिया। हालांकि टीम का कोई और बल्लेबाज़ 25 रन से अधिक नहीं बना सका।
वेस्टइंडीज की ओर से शमार जोसेफ ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 4 विकेट, जबकि जेडन सील्स और जस्टिन ग्रीव्स ने 3-3 विकेट झटके। जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी 143 रन पर सिमट गई। टीम के लिए जॉन कैंपबेल ने सर्वाधिक 36 रन बनाए, जबकि शाई होप ने 23 रन का योगदान दिया।
ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी में स्कॉट बोलैंड ने 3 विकेट, जबकि जोश हेज़लवुड और पैट कमिंस ने 2-2 विकेट लिए। मिचेल स्टार्क और ब्यू वेबस्टर को 1-1 सफलता मिली। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 82 रन की बढ़त मिली।
ऑस्ट्रेलिया ने बनाया मामूली स्कोर, लेकिन हासिल की निर्णायक बढ़त
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज़ी 121 रन पर सिमट गई। एक बार फिर कैमरन ग्रीन (42) ने सबसे बड़ी पारी खेली। अन्य बल्लेबाज़ों में ख्वाजा (14), ट्रैविस हेड (16) और वेबस्टर (13) ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके। सैम कोन्स्टास और एलेक्स कैरी बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। वेस्टइंडीज के लिए अल्जारी जोसेफ ने 5 विकेट, जबकि शमार जोसेफ ने 4 विकेट हासिल किए। एक विकेट जस्टिन ग्रीव्स को मिला। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज के सामने 204 रन का लक्ष्य रखा।
दूसरी पारी में वेस्टइंडीज 27 पर ढेर
लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की टीम मात्र 14.3 ओवर में 27 रन पर ढेर हो गई। टीम के 10 बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके, जिनमें 7 बल्लेबाज़- जॉन कैंपबेल, केवलोन एंडरसन, ब्रैंडन किंग, कप्तान रोस्टन चेज, शमार जोसेफ, जोमेल वारिकन और जेडन सील्स अपना खाता तक नहीं खोल सके। टीम के लिए सबसे ज़्यादा रन जस्टिन ग्रीव्स (11) ने बनाए, जो दहाई तक पहुंचने वाले एकमात्र बल्लेबाज़ रहे। मिकाइल लुईस ने 4 रन और शाई होप ने 2 रन बनाए। अल्जारी जोसेफ 4 रन बनाकर नाबाद लौटे।
स्टार्क ने गेंद से ढाया कहर

यह मैच ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क का 100वां मैच था, जिसे उन्होंने अपने प्रदर्शन से ऐतिहासिक बना दिया। इस मुकाबले में स्टार्क ने 7.3 ओवर में मात्र 9 रन देकर 6 विकेट चटकाए। उन्होंने अपनी पहली ही ओवर में 3 विकेट झटककर वेस्टइंडीज की कमर तोड़ दी। खास बात यह रही कि स्टार्क ने सिर्फ 15 गेंदों में 5 विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ फाइव विकेट हॉल का नया रिकॉर्ड बना दिया।
स्टार्क को इस शानदार प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया, वहीं सीरीज में कुल 15 विकेट लेने के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का खिताब भी मिला। इस मैच में स्टार्क ने अपने टेस्ट करियर के 400 विकेट भी पूरे कर लिए। वे यह मुकाम हासिल करने वाले चौथे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ बने। उनसे पहले शेन वॉर्न, ग्लेन मैक्ग्रा और नाथन लायन इस क्लब में शामिल हो चुके हैं।
स्कॉट बोलैंड की हैट्रिक

पारी का 7वां ओवर मैच का टर्निंग पॉइंट बन गया जब स्कॉट बोलैंड ने हैट्रिक ली। उन्होंने पहले जस्टिन ग्रीव्स, फिर शमार जोसेफ और फिर जोमेल वारिकन को लगातार गेंदों पर आउट कर मैच को लगभग खत्म कर दिया।
वेस्टइंडीज के लिए यह हार केवल एक सीरीज गंवाने भर की बात नहीं थी, बल्कि उसकी टेस्ट क्रिकेट में गिरती हालत की भी साफ़ झलक थी। वहीं ऑस्ट्रेलिया के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कंगारू टीम आज भी टेस्ट क्रिकेट की सबसे खतरनाक ताकतों में से एक है।
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