क्या एक व्यक्ति के पास एक ही कार होनी चाहिए? इस सवाल पर आप क्या सोचते हैं ? यह तो आप बताएंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति एक कार का मापदंड लागू करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये नीतिगत मुद्दे हैं, जिन पर अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती.
इस विषय पर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं. एक व्यक्ति, एक कार को अनुमति दें, प्रभावी टैक्स सुनिश्चित करें, दूसरी कार पर पर्यावरण टैक्स, वायु प्रदूषण के लिए कमीशन, यह एक नीतिगत बात है.
सुनामी ऑन रोड्स एनजीओ ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी. एनजीओ का कहना था कि सड़कों पर गाड़ियों की बढ़ती संख्या एक बड़ा पर्यावरणीय संकट पैदा कर रही है. लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली कारों की संख्या को सीमित करने और पर्यावरण टैक्स लगाने से प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि
हम हर उस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते हैं जहां शासन की चिंता है. हम यहां कानूनी मुद्दों को सुलझाने के लिए हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की तारीफ की.
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में बताया कि देश में वर्ष 2021 में 30 लाख से ज्यादा कारें बिकीं. जिस तरह की कारें बिक रही हैं, वह देश में टैक्स देने वालों की संख्या के साथ मेल नहीं खाती है