What is beef tallow? विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) के ‘लड्डू प्रसादम’ (laddoo Prasadam) में बीफ की चर्बी (beef fat) और मछली का तेल (fish oil) की पुष्टि होने के बाद से देश में कोहराम मचा हुआ है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (National Dairy Development Board) ने लड्डू में बीफ टैलो के मिलने की पुष्टि की है। ऐसे में सबके मन में यही है कि आखिर ये बीफ टैलो क्या होता है?
बीफ टैलो क्या है
बीफ टैलो गायों समेत अन्य जानवरों के फैटी टिश्यू से निकाले गए फैट (वसा) होते हैं। इसमें रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक जैसे बीफ के टुकड़ों से निकली चर्बी होती है। इसे मांस से निकाले गए शुद्ध वसा को पिघलाकर भी बनाया जा सकता है, जो ठंडा होने पर एक लचीले पदार्थ में बदल जाता है। यह कमरे के तापमान पर देखने में नरम मक्खन जैसा ही लगता है।
लार्ड क्या है?
लार्ड एक मुलायम, क्रीम जैसा सफेद ठोस वसा होता है, जिसकी बनावट मक्खन जैसी होती है। इसे घरेलू सूअरों के फैटी टिश्यू को पिघलाकर या रेंडरिंग करके बनाया जाता है। लार्ड का इस्तेमाल खाना पकाने के लिए किया जाता है, जैसे तलने, भूनने और पकाने में।
बीफ टैलो के स्वास्थ्य पर क्या पड़ता है प्रभाव
बीफ टैलो के हेल्थ पर प्रभाव मिले-जुले हैं। इसमें सैचुरेटेड फैट की अधिक मात्रा होती है, जो दिल के रोग और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा होता है। हालांकि ऐसा भी माना जाता है कि टैलो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह विटामिन A, D, K और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स इसे कम मात्रा में खाने की सलाह देते हैं। दिल के मरीजों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
हर दिन तैयार होता है 3 लाख लड्डू
बता दें कि तिरुपति मंदिर में लडडूओं का प्रसाद तैयार किया जाता है। यहां हर रोज 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं और बांटे जाते हैं। लड्डुओं में बीफ की चर्बी, जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला है। ये सब कुछ उस घी में मिला है, जिससे लड्डू तैयार किया जाता है। इतना ही नहीं प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया है, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया गया है।
मंदिर में कहां से आता है घी?
बता दें कि बीते 50 साल से कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन रियायती दरों पर मंदिर कमेटी को शुद्ध देसी घी सप्लाई कर रहा था। वहीं जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से इनकार कर दिया, उसके बाद तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 5 फर्म को घी सप्लाई की जिम्मेदारी दी थी। वहीं इसी साल जुलाई में सैंपल में गड़बड़ी पाए जाने के बाद नायडू सरकार अलर्ट हुई थी और 29 अगस्त को फिर KMF को सप्लाई का काम सौंप दिया था।
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