प्रतीक चौहान/गौरव जैन, रायपुर-जीपीएम। विशाखापत्तनम से एलटीटी (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) जा रही ट्रेन में भिलाई रेलवे स्टेशन के पास धुआं उठने से हड़कंप मच गया. यात्रियों में ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई, लेकिन थोड़ी ही देर बाद यह स्पष्ट हो गया कि ट्रेन में आग नहीं लगी थी.

ट्रेन के दुर्ग पहुंचने के बाद रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों ने इसकी जांच की, जिसके बाद पाया कि चक्का गर्म होने से धुआं निकला था, जो रेलवे के मुताबिक एक सामान्य घटना है. दुर्ग स्टेशन पर ट्रेन की जांच के बाद उसे रवाना कर दिया गया.

वहीं दूसरी तरफ पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन के करीब टनल में ट्रेन 20807 हीराकुंड एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश सामने आई है. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, भनवारटंक-खोडरी के बीच अप लाइन में टनल (स्थानीय भाषा में बोगदा कहते हैं) के अंदर रेलवे ट्रैक पर तीन अलग-अलग जगहों पर नाली के स्लैब रख दिए गए थे. यह किसने रखा, इसकी जांच पेंड्रारोड आरपीएफ कर रही है. यह घटना 29 तारीख रात 12:30 बजे की बताई जा रही है. इस घटना को हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन के लोको-पायलट ने देखा और मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी. लोको-पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया.

जानकारी के लिए बता दें, रेलवे कर्मचारी टनल के अंदर सतत निगरानी करते रहते हैं. उसके बावजूद भी रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा जाना किसी साजिश का अंदेशा हो सकता है. यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ों और घने जंगल से घिरा हुआ है. बहरहाल, रेलवे ट्रैक पर जानबूझकर पत्थर रखना बेहद खतरनाक था. शरारत किसने की, यह पता लगाना बेहद जरूरी है.

इस कारण ट्रेन नंबर 20807 (हीराकुंड एक्सप्रेस) मौके पर खड़ी रही. इसके अलावा, उसी ट्रैक से गुजरने वाली 18247 रीवा एक्सप्रेस और 12853 अमरकंटक एक्सप्रेस करीब एक से दो घंटे तक खड़ी रहीं.