रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर में आय नाम के कार्यक्रम के ज़रिए कांग्रेस की महात्वाकांक्षी योजना न्याय के गरीबों को रुबरु कराया. कांग्रेस बीएसयूपी के जिस कॉलोनी में ये कार्यक्रम रखा था. वो शहर के नामी कॉलोनी के बीच गरीबों की कॉलोनी है. कार्यक्रम में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने न्याय योजना के बारे में लोगों को जानकारी दी. उसके बाद लोगों के सवाल लिए. हालांकि कुछ सवाल सरकार की दूसरे स्कीम को लेकर भी थे. लेकिन भूपेश बघेल ने सबका जवाब दिया. ज़्यादातर सवाल महिलाओं ने पूछे.

 

दरअसल, कांग्रेस की दिक्कत है कि वोटरों के बीच कांग्रेस की महत्वपूर्ण योजना न्याय को लेकर उतनी चर्चा नहीं हो पा रही है, जितनी उम्मीद थी. इसी के मद्देनज़र कांग्रेस ने ये कैंपेन बनाया है. अपने मकसद में पहले दिन भूपेश बघेल कितने कामयाब हुए, ये जानने के लिए लल्लूराम डॉट कॉम ने वहां मौजूद लोगों से बात की. पहले दिन की बातचीत में ये बात सामने आई कि कांग्रेस का ये कैंपेन सफल होता दिख रहा है. कार्यक्रम में आए ज्यादार लोग न्याय को बेहतर तो मानते हैं. ज़्यादातर लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी है. कुछ लोगों को भूपेश बघेल के इस कार्यक्रम से जानकारी मिली.

70 साल की बुधाबाई के पति नहीं है. उनके साथ दो और लोग रहते हैं. उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है. उन्होंने बताया कि चावल तो उन्हें मिल रहा है लेकिन ज़रुरत पैसों की है. ताकि चावल के साथ साग सब्जी का इंतज़ाम हो सके. बुधाबाई का कहना है कि खाना जब गले से नीचे ऊतरता है तभी पता चलता है कि खाना खा गए. उसी तरह से जब पैसे एकाउंट में आ जाएंगे. तब पता चलेगा कि पैसे मिले हैं. उनका कहना है कि फिलहाल उनकी ज़रुरत कुछ पैसों की है. निराश्रित पेंशन की राशि काफी कम है. उससे बाकी खर्चों की पूर्ति नहीं होती.

बुधाबाई की तरह युवा खुर्शिदा मानती हैं कि योजना से गरीबों का भला होगा. बुधाबाई के विपरीत खुर्शिदा बहुत ही आशान्वित हैं. उनका मानना है कि अगर कांग्रेस ने न्याय को लागू कर दिया तो गरीब नहीं हटेंगे बल्कि गरीबी हटेगी. अपनी बातचीत से खुर्शिदा का मानना है कि योजना से 50 फीसदी गरीबी देश की कम हो जाएगी. कार्यक्रम में कुछ महिलाएं मुख्यमंत्री से कुछ उम्मीदों के साथ भी पहुंची थी. एक महिला कांता का कहना है कि वे पैरों से वे निराश्रित हैं. किराए के मकान में रहती हैं. पति बूढ़ा है. वे यहां इस उम्मीद से आई थीं कि वे निराश्रित पेंशन के लिए गुहार लगाएंगी. उन्हें बोलने का मौका तो नहीं मिल पाया. लेकिन उन्हें पहली बार कांग्रेस के इस वादे के बारे में पता चला. कांता का कहना है कि अगर ऐसी योजना आती है तो उनकी बहुत सारी समस्याएं हल हो जाएंगीं.

 

कार्यक्रम में मौजूद एक दूसरी महिला ने खुलकर ये कहा कि सत्ता में बदलाव होना चाहिए. न्याय अच्छी स्कीम है लेकिन बात महिलाओं के हक की भी होनी चाहिए. ऐसी योजना लानी चाहिए जिससे महिलाओं का भला होना चाहिए. उन्हें काम मिलना चाहिए. इतने दिनों से वे सब केवल घर में बैठे हैं. उन्होंने कांग्रेस के वादे पर भरोसा जताया.

गरीबों की आय बढ़ाने की इस वादे को लेकर सामाजिक रुप से सक्रिय विजयलक्ष्मी की चिंता दूसरी है. वे कहती हैं कि 72 हज़ार गरीबों तक पहुंचेगा तो लेकिन गरीबी का निर्धारण अब तक ऐसा होता आया है कि असली गरीब छूट जाते हैं, फर्जी गरीबों को पैसे मिल जाते हैं. उनका कहना है कि इस बार गरीबों को लाभ मिलेगा या नहीं, ये नहीं मालूम. लेकिन कुछ तो ज़रुर मिलेगा.

बीजेपी ने इसे चुनावी प्रपंच बताया

बीजेपी ने कांग्रेस के इस कार्यक्रम को चुनावी प्रपंच करार दिया है. पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि प्रदेश के किसानों को कर्ज माफी और धान का पैसा अब तक नहीं मिला है. सरकार पहले उनके आय की बात कर लें. बेरोज़गारों को 2500 रुपये भत्ता देने की बात कही गई थी. इसके अलावा प्रदेश में अभी बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिला है. सभी का भुगतान लंबित है. कर्मचारियों का भुगतान लंबित है. इन सबकी आय पर पहले चिंता हो तो बेहतर होगा.