नई दिल्ली। आजकल बाजार में 2000 के नोट देखने को नहीं मिलते हैं. इस नोट को मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी के बाद शुरू किया था. पिछले दो सालों से 2000 के करंसी नोट की छपाई पूरी तरह से बंद है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में इसकी जानकारी दी है.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में ये जानकारी दी है कि 2019-20 और 2020-21 में प्रिंटिंग प्रेस से नहीं कहा गया कि वो 2000 रुपए का नोट छापें. नोटों की प्रिंटिंग को लेकर आरबीआई के साथ बातचीत कर सरकार निर्णय लेती है. नोट छापने की प्रक्रिया में इस बात का ख्याल रखा जाता है कि लोगों द्वारा किए जा रहे लेन-देन में दिक्कत ना हो.
उन्होंने कहा कि 2000 रुपए के नोट के चलन में भी कमी आ रही है. आरबीआई के मुताबिक, मार्च 2018 में 2000 रुपए के 3362 मिलियन पीस, कुल करेंसी का 3.37 फीसदी नोट और 37.26 फीसदी वैल्यू के बराबर नोट सर्कुलेशन में थे.
26 फरवरी, 2021 को 2000 के 2499 मिलियन पीस, कुल करेंसी का 2.01 फीसदी नोट और 17.78 फीसदी वैल्यू के बराबर नोट सर्कुलेशन में था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की आधी रात से 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी, जो उस समय चलन में थे.
चूँकि 2000 के करंसी नोट की छपाई पिछले दो साल से पूरी तरह से बंद है. यही वजह है की इन दिनों मार्केट में 2000 के नोट नहीं दिख रहे हैं.