प्रमोद निर्मल, मानपुर-मोहला. छत्तीसगढ़ के मानपुर-मोहला जिले से गंभीर मामला सामने आया है, जहां मानपुर बीईओ एआर कौर पर आदिवासी कन्या छात्रावास की महिला अधीक्षिका ने आश्रम की छात्राओं से अभद्रता व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की है. ज्ञापन में आरोपों का समर्थन करते हुए आश्रमवासी छात्राओं ने भी हस्ताक्षर किया है. हैरानी की बात ये है कि कलेक्टर तुलिका प्रजापति से शिकायत हुए 20 दिन का समय बीत चुका है और जिला प्रशासन, आदिम जाति कल्याण विभाग इस गंभीर मसले पर मौन साधे हुए हुए हैं. दूसरी ओर इस मामले पर आज मानपुर पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने गंभीर रुख दिखाया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यजनक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

एक दिवसीय प्रवास पर मोहला-मानपुर जिले के अंबागढ़ चौकी पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने मामले की जानकारी पाने के बाद मीडिया के सामने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और देश के प्रधानमंत्री अभी महिलाओं को लेकर बहुत चिंतित दिख रहे तो इस परिस्थिति में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। सिंहदेव ने यह भी कहा है कि अपनी ओर से मैं चर्चा करूंगा, जिला प्रशासन से भी चर्चा करूंगा और प्रदेश स्तर पर भी जानकारी को रखूंगा।

कन्या आश्रम में बीईओ के प्रवेश से बच्चे असहज हुए और डर गए

पूरा मामला मानपुर विकासखंड अंतर्गत धुर नक्सल प्रभावित ग्राम पेंदुर स्थित आदिवासी कन्या आश्रम का है। आश्रम की प्रभारी अधीक्षिका आशा सिन्हा ने विगत 12 अगस्त को कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देकर मामले की शिकायत की थी। लिखित शिकायत में अधीक्षिका ने उल्लेख किया है कि 11 अगस्त को जब आश्रमवासी बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे उस वक्त उनकी अनुपस्थिति में बिना उनको सूचित किए बीईओ के आकस्मिक प्रवेश से बच्चे व चतुर्थ वर्ग कर्मी असहज हो गए और डर गए। बीईओ ने कर्मचारियों व आश्रमवासी बच्चों से दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें मेरे यानि अधीक्षिका के खिलाफ अव्यवहारिक बातें बोलकर भड़काया एवं संस्था के निरीक्षण पंजी में टीप लिखकर मुझे (अधीक्षिका को) संस्था का प्रभार उनके पहचान के शिक्षिकाओं को देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

अधीक्षिका ने मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी लगाया आरोप

अधीक्षिका ने आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि बीईओ ने बिना उन्हें अवगत कराए खडगांव के छात्रावास और पेंदूर के आदिवासी कन्या आश्रम के प्रभार से हटाने एवं अपने पहचान के शिक्षिकाओं का नाम लिखा प्रस्तावित आदेश वॉट्सएप द्वारा जारी किया गया है। प्रभारी अधीक्षिका ने आवेदन में यह आरोप भी लगाया है कि उन्हें तत्काल उक्त शिक्षिकाओं को प्रभार सौंपने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए दबाव बनाया जा रहा है। यही नहीं 11 अगस्त को ही कन्या माध्यमिक शाला में पढ़ने वाले प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास के छात्रावासी बच्चों को कक्षा में खड़े कराकर उन्हें मेरे खिलाफ भड़काया गया और मुझे मैडम लापरवाह है कहकर बच्चों को उकसाया जा रहा है। ज्ञापन में अधीक्षिका ने यह भी कहा है कि यह कृत्य मेरे कार्य अस्मिता को ठेस पहुंचाती है, जिससे मुझे मानसिक रूप से डरने में मजबूर कर रही है।

कलेक्टर मौन, ट्राइबल विभाग भी संदेह के दायरे में

उक्त आवेदन 20 दिन पहले कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर उचित कार्रवाई करने का आग्रह महिला अधीक्षिका ने किया है, लेकिन इस गंभीर मसले पर 20 दिन बाद भी कार्रवाई न होना, प्रशासन का मौन साधे रहना कलेक्टर व आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसरों की भूमिका को संदेह के कटघरे में खड़ा कर रही है। यदि छात्रावासी बच्चियों से दुर्व्यवहार हुआ है वो भी नक्सल प्रभावित गांवों के आदिवासी बालिकाओं के साथ तो ये कितना गंभीर मसला है, ये हर कोई समझ सकता है। अब ऐसे मसले पर कलेक्टर की चुप्पी जिला प्रशासन के कमजोर व अकुशल नेतृत्व की ओर इशारा कर रहा है, ट्राइबल विभाग भी संदेह के दायरे में है।

महिला अधीक्षिका के सारे आरोप गलत हैं : बीईओ

वहीं इस मामले में मानपुर बीईओ एआर कौर ने बताया कि निरीक्षण के लिए प्राथमिक आश्रम शाला पेंदुर गए थे। महिला अधीक्षिका जो आरोप लगा रही है वह सही नहीं है। सारे आरोप बेबुनियाद है।