पारादीप. जहां पूरी दुनिया में माँ के प्यार को सबसे ऊपर मन जाता है, वहीं इस घटना के बाद माँ की ममता पर कई लालछन लगा दिए गए हैं. एक चौंका देने वाली घटना में मां ने अपने ही जन्मे एक दिन के बच्चे को 1 लाख रुपये में बेच दिया है. उल्लेखनीय है कि एक जनैक आदिवासी महिला ने अपने जन्मे बच्चे को एक दलाल के हाथों वाइजैग में बेच दिया, जिसकी सूचना मिलते ही प्रशासन ने कड़ी छानबीन शुरू कर दी है. साथ ही बाल कल्याण अधिकारियों की एक टीम ने भी इस मामले की जांच में जुट गई.

रिपोर्ट के अनुसार, ममीना सारदा नामक एक झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली महिला ने रविवार को अठराबंकी सरकारी अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था. बताया गया है कि उसने अपने प्रसव के अगले ही दिन अपने एक दिन के बच्चे को एक तेलुगु भाषी व्यक्ति को बेच दिया. यह घटना तब सामने आई जब मंगा नाम की एक अन्य तेलुगु महिला ने ममीना के खिलाफ आरोप लगाया कि उसने पहले उसे बच्चा बेचने के लिए सहमति दी थी, लेकिन अपना वादा नहीं निभाया. ममीना ने बच्चे को उसे बेचने के बजाय, वाइजैग के रहने वाले एक तेलुगु भाषी व्यक्ति को अपने बच्चे को बेचने का आरोप लगाया.

संखुद झुग्गी-झोपड़ी की रहने वाली ममीना को जब अपनी गर्भावस्था के बारे में पता चला तो वह अपने बच्चे का गर्भपात कराना चाहती थी. हालांकि, तेलुगु भाषी महिला मंगा ने उसे गर्भपात न कराने और प्रसव के बाद बच्चे को उसे देने की सलाह दी. उसने ममीना को यह भी आश्वासन दिया कि वह उसकी बड़ी बेटी के भविष्य के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. साथ ही यह भी बताया गया है कि, ममीना ने इस पर सहमति जताई थी. सिर्फ इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान मंगा ने ममीना की देखभाल करती थी. अपनी बात रखने के बजाय, ममीना ने मंगा की अनुपस्थिति में अपने बच्चे को किसी और को बेच दिया. जब मंगा को पता चला कि ममीना ने अपने बच्चे को किसी और को बेच दिया है, तो उसका ममीना के साथ विवाद हो गया. सूत्रों ने बताया कि मामला सामने आने के बाद ममीना और दलाल दोनों ही फरार है. दूसरी ओर, पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है. इस बीच बाल कल्याण समिति ने जांच के बाद सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है.