गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही,गौरव जैन। छत्तीसगढ़ के गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में एक स्कूल भवन ऐसा है। जिसमें बच्चों के पढ़ने के लिए मात्र एक ही कमरा है और इस कमरे में मिडिल स्कूल संचालित होता है। यहां 6 वीं से लेकर 8 वीं तक के बच्चें शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते है। जब एक क्लास के बच्चे अंदर पढ़ रहे होते है तो अन्य दो क्लास मैदान में लगती है या अन्य स्कूल के पास के भवन में होती है।

दरअसल, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के गौरेला ब्लॉक के ग्राम पंचायत नेवसा के मिडिल स्कूल में पढ़ने वालों बच्चों के पास स्कूल भवन तो है पर पढ़ने के लिए अपना खुद का कमरा तक नहीं है। इस स्कूल भवन में मात्र एक ही कमरा है। जिसमें कक्षा छटवीं से लेकर आंठवी तक के बच्चें पढ़ने के लिए आते है। जब क्लास 6 वीं के बच्चें कमरे के अंदर पढ़ रहे होते है तो अन्य दो क्लास के बच्चें स्कूल के बाहर मैदान में पढ़ रहे होते हैं या पास ही एक असुरक्षित भवन में पढ़ने को मजबूर होते हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चें अपना दर्द बयां करते हुए बताते है कि स्कूल के पुराने भवन को तोड़कर नया भवन बनाया जाना था। लेकिन पुराने भवन को तोड़ने के बाद आज तक यहां नए भवन की एक ईंट भी नहीं जोड़ी गई है।

बच्चों का कहना है कि हमारे स्कूल में अपना खुद का कमरा नहीं होने के कारण किसी भी मौसम में बाहर पढ़ने पर मजबूर होना पड़ता है। जिससे कई बार हमारी तबियत पर भी बुरा असर पड़ता है। अव्यवस्था यहीं नहीं थमती बरसात के दिनों में या धूप तेज होने के कारण इन्हें पास के ही असुरक्षित भवन में पढ़ने को मजबूर होना पड़ता है।

मिडिल स्कूल में पढ़ने वाली यहां की छात्राओं ने बताया कि स्कूल परिसर में महिला शौचालय तक नहीं बन पाया है। जिसकी वजह से हमें स्कूल छोड़कर जाना पड़ता है। साथ ही बाउंड्री वाल नहीं होने के कारण अतिक्रमण भी यहां हो रहा है।