रायपुर. रायपुर में आम जनता ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपना घोषणापत्र बनाया. इसमें आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यवारणीय विकास के मुद्दे शामिल किए. ये सुझाव राजनीतिक पार्टियों को भेजकर उसे घोषणापत्र में शामिल करने की मांग की जाएगी.

आमतौर पर घोषणापत्र राजनीतिक पार्टियां बनाती हैं. लेकिन जनता क्या चाहती है. ये बात राजनीतिक पार्टियों तक पहुंचाने के लिए सेंटर फॉर कम्यूनिटी इकोनॉमिक्स एंड ड्वेलपमेंट कंसल्टेंट पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में सिविल सोसाइटी के लोगों से वो मुद्दे जान रही है जिसे आमजन राजनीतिक पार्टियों के घोषणापत्र में शामिल करना चाहते हैं. इन मुद्दों को दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन के जरिए सभी राजनीतिक दलों के सामने रखा जाएगा.

रायपुर में सिविल सोसाइटी के लोगों ने मांग की है कि विकास की अवधारणा को बदला जाए. सिर्फ आर्थिक उन्नति पर केंद्रित विकास मॉडल का दायरा बढ़ाकर उसमें सामाजिक और पर्यावरण भी शामिल किया जाए. बुद्धिजीवियों ने नदियों और पहाड़ों को बचाने के लिए उसमें सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की मांग की. नदियों की रक्षा के लिए नदीं पंचायत बनाने की मांग की गई जिसमें नदियों के किनारे के लोग शामिल हों. ये भी मांग उठी कि राजनीतिक पार्टियों में जो सत्ता पर काबिज हो, उसके घोषणापत्र का ऑडिट किया जाए.

खेती -किसानी में भी आमूलचूल परिवर्तन की मांग उठी. यह भी सुझाव आया कि खेती को एमएसपी से बाहर निकालकर डायरेक्ट बेनिफिट किसानों को दिया जाए. हेल्थ और स्कूल को पूरी तरह सरकारी करने की मांग भी इस चुनाव के एंजेडे में शामिल करने की मांग की गई. ये भी मांग की गई कि बीएसएनएल कंपनी की मदद करके उसे उसके पुराने हाल में लौटाया जाए ताकि निजी कंपनियों की मनमानी रुक सके.

ललित सुरजन ने मीडिया को कार्पोरेट के चंगुल से छुड़ाकर मीडिया की स्वतंत्रता बहाल करने की मांग की गई. उन्होंने मीडिया फाइनेंस कार्पोरेशन बनाने की मांग की. उन्होंने तीसरे प्रेस कमीशन के गठन का सुझाव दिया. एक सुझाव पूरे देश में मजीठिया आयोग की सिफारिशों को बहाल करने की मांग की गई.

कृषि विशेषज्ञ संकेत ठाकुर ने खेती को कर्जमुक्त बनाने के लिए बोनस एडवांस में देने की मांग की. उन्होंने आर्गेनिक मिशन चलाए जाने और आर्गेनिक खाद में सब्सिडी देने की मांग की. उन्होंने क्लस्टर बनाकर खेती करने की मांग की. जिसमें जरुरत का सारा सामान एक निश्चित दायरे में उगाने का कानून बनाने का सुझाव रखा जिससे ट्रांसपोर्ट से पैदा होने वाले प्रदूषण से बचा जा सके.