रायपुर. दिनांक 28.03.2021 शुभ संवत 2077 शक 1942 सूर्य उत्तरायन का फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि रात्रि को 12 बजकर 18 मिनट तक दिन रविवार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शाम को 05 बजकर 36 मिनट तक आज चंद्रमा कन्या राशि में आज का राहुकाल दोपहर 04 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक होगा.

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय की परंपरा

होलिका दहन, होली त्यौहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।

कब करें पूजन – प्रदोषकाल में होलिका दहन शास्त्रसम्मत है तभी पूजन करना चाहिए। प्राय: महिलाएं पूजन कर ही भोजन ग्रहण करती हैं।

पूजन सामग्री – रोली, कच्चा सूत, पुष्प, हल्दी की गांठें, खड़ी मूंग, बताशे, मिष्ठान्न, नारियल, बड़बुले आदि।

होलिका दहन पूजा विधि-

– होलिका दहन से पहले पूजा की जाती है।

– इस दौरान होलिका के पास जाकर पूर्व या उतर दिशा की ओर मुख करके बैठकर पूजा करनी चाहिए।

– कच्चे सूत को होलिका के चारों और तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना होता है।

– शुद्ध जल व अन्य पूजन सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को समर्पित किया जाता है।

– पूजन के बाद जल से अर्ध्य दिया जाता है.

– एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल आदि।

– नई फसल के अंश जैसे पके चने और गेंहूं की बालियां भी शामिल की जाती हैं।

यथाशक्ति संकल्प लेकर गोत्र-नामादि का उच्चारण कर पूजा करें।

सबसे पहले गणेश व गौरी इत्यादि का पूजन करें। ‘ॐ होलिकायै नम:’ से होली का पूजन कर

‘ॐ प्रहलादाय नम:’ से प्रहलाद का पूजन करें। पश्चात ‘ॐ नृसिंहाय नम:’ से भगवान नृसिंह का पूजन करें, तत्पश्चात अपनी समस्त मनोकामनाएं कहें व गलतियों के लिए क्षमा मांगें। कच्चा सूत होलिका पर चारों तरफ लपेटकर 3 परिक्रमा कर लें।

अंत में लोटे का जल चढ़ाकर कहें- ‘ॐ ब्रह्मार्पणमस्तु।’

होली की भस्म का बड़ा महत्व है। इसे चांदी की डिब्बी में भरकर घर में रखा जाता है। इसे लगाने से प्रेतबाधा, नजर लगने आदि के लिए उपयोग में लिया जाता है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 28 मार्च 2021 को देर रात 03:28 बजे से

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 29 मार्च 2021 को रात 12:18 बजे तक

होलिका दहन रविवार, 28 मार्च 2021

होलिका दहन मुहूर्त- शाम 6:37 से रात 08:56

होली पर्व पर राशि अनुसार विशेष उपाय

मेष राशि –

इस राशि वाले लोग होलिका दहन के समय कांसे की कटोरी में थोड़ा सा धनिया के बीज, कुछ दाने साबूत मूंग के, पीपल के पांच पत्ते और हल्दी का एक गांठ इन सारी सामग्रियों को अपने हाथ में रख कर ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे का 108 बार जाप करके इस सामग्री को होलिका दहन के समय अग्नि को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

दूसरे दिन ब्रह्ममुर्हूत्त में जहाँ होली जली थी वहाँ की थोड़ी राख, सात तांबे के छेद वाले सिक्के, लाल कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर टांग दें या इस सामग्री को अपनी तिजोरी में रख दें, धन लाभ अवश्य होगा.

वृष राशि –

इस राशि के लोग चाँदी की कटोरी में थोड़ा सा दूध, थोड़ा चावल, नीम के पांच पत्ते डाल दें। थोड़ा पांच चुटकी शक्कर, इन सारे सामानों को होलिका दहन के समय शिव गायत्री का 108 बार जाप करके अग्नि को समर्पित कर दें। कैसी भी व्यापारिक समस्या होगी उसका निवारण हो जाएगा.

होली के प्रात:काल सफेद कपड़े में होलिका दहन की राख और एक सिक्का चाँदी का बांध लें। इस सामग्री को अपनी तिजोरी में रख दें। कारोबारी सारी समस्याओं का निवारण होगा.

मिथुन राशि –

इस राशि के लोग होलिका दहन के समय एक तांबे की कटोरी में चमेली का तेल, पांच लौंग और आंवले के पेड़ के पांच पत्ते, थोड़ा सा गुड़ रख दें। मंगल गायत्री का 108 बार जाप करते हुए समस्त सामग्री को होलिका दहन के समय होलिका में अर्पित कर दें। प्रात:काल सुबह होली की थोड़ी सी राख लेकर आएं और उस राख को चमेली के तेल में मिला कर अपने शरीर पर मालिश करें। किसी भी तरह के नजर दोष अथवा स्वास्थ्य संबंधी कष्ट समाप्त होगा.

हरे कपड़े में होलिका दहन की राख, 3 हरे हकीक के पत्थर बांधकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध लें या इस सामग्री को तिजोरी में रख दें। कारोबारी समस्या का निवारण अवश्य होगा.

कर्क राशि –

इस राशि वाले लोग एक कटोरी में थोड़ा सा दही रख लें, फिर उसमें पांच चुटकी चावल भी डाल लें, सफेद अर्क के सात पत्ते और नारियल की मिठाई ले लें। इन सबको कटोरी में रख कर अपने हाथ में रख लें। महामृत्युंजय का 108 बार जाप करके अग्नि को समर्पित कर दें। इससे सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

प्रात:काल सफेद कपड़े में होलिका दहन की राख 7 चुटकी, 7 गोमती चक्र बांधकर दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान या घर के मुख्य द्वार पर लटका दें अथवा अपनी तिजोरी में रख दें। महालक्ष्मी की कृपा अवश्य होगी.

सिंह राशि –

होलिका दहन के दिन कांसे की कटोरी में थोड़ा सा घी ले लें, कुछ दाने गेहूं, पारिजात वृक्ष के पांच पत्ते, कटोरी में रखकर अपने हाथ में ले लें और सूर्य गायत्री का 108 बार जाप करके समस्त सामग्री को होलिका को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

सुनहरे कपड़े में 5 चुटकी होलिका दहन की राख, तांबे के पत्र पर खुदा हुआ सूर्य यंत्र, पांच तांबे के पुराने सिक्के बांधकर जहाँ धन रखते हैं, यदि वहाँ रख दिया जाए तो व्यावसायिक प्रतिकूलताओं का शमन होगा.

कन्या राशि –

ताम्बे की कटोरी में आंवले का थोड़ा सा तेल ले लें और पांच पत्ते नीम, पांच इलायची, नारियल से बनी मिठाई, इन सारी सामग्री को कटोरी में डाल कर अपने हाथ में रख लें और 108 बार बुध के बीज मंत्र का जाप करते हुए सारी सामग्री को हालिका में दहन कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

हरे कपड़े में होलिका दहन की राख, छेद वाले तांबे के सात सिक्के बांध कर दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि के मुख्य द्वार पर टांग दें या अपने तिजोरी में रखने से कारोबार में वृध्दि होगी और सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

तुला राशि –

चाँदी की कटोरी में गाय के दूध की खीर ले लें, पांच प्रकार के फल एवं पंच पल्लव इन सारी सामग्रियों को अपने हाथ में रख कर शिव मंत्र यानी ॐ नम: शिवाय का 108 बार जाप करके होलिका दहन के समय यह समस्त सामग्री अग्नि को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

सफेद रंग के कपड़े में होलिका दहन की राख, 7 कोड़ियां पीली धारी वाली बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। अवश्य लाभ होगा.

वृश्चिक राशि –

इस राशि के जातक तांबे की कटोरी में चमेली का तेल डाल कर, पांच साबूत लाल मिर्च, बुंदी का लड्डू, पांच गूलर के पत्ते, इन समस्त सामग्री को अपने हाथ में रखकर ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा का 108 बार जाप करके सारी सामग्री अग्नि को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

लाल कपड़े में 17 चुटकी होलिका दहन की राख, 1 लाल मूंगा बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। कारोबार सम्बंधित सारी समस्या का निवारण होगा.

धनु राशि –

एक पीतल की कटोरी में देसी गाय का थोड़ा सा घी, थोड़ा सा गुड़, कुछ चने की दाल, पांच आम के पत्ते डाल अपने हाथ में रख लें फिर बृहस्पति गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करके इन समस्त सामग्रियों को होलिका दहन के समय अग्नि को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

पीले कपड़े में होलिका दहन की राख एवं 11 पीली कोड़ियां बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। कारोबार सम्बंधी कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा.

मकर राशि –

एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल थोड़ा सा लें, उसमें काली तिल, पांच बरगद के पत्ते, एक गुलाब जामुन, इन समस्त सामग्रियों को अपने हाथ में लेकर ॐ शं शनैश्चराय नम: इस मंत्र का 108 बार जाप करके इस समस्त सामग्री को हालिका दहन के समय अग्नि में समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

नीले कपड़े में 11 चुटकी राख, 11 छोटी लोहे की कील बांधकर घर या व्यापारिक संस्था के मुख्य द्वार पर लटका दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

कुम्भ राशि –

एक स्टील की कटोरी में तिल का तेल, 108 दानें साबूत उड़द के, शमी के कुछ पत्ते, पांच काली मिर्च, कमलगटटा, इन समस्त सामग्री को अपने हाथ में रख कर मंगलकारी शनि मंत्र की 108 बार जाप करके होलिका दहन के समय अग्नि को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

काले कपड़े में 11 चुटकी होलिका दहन की राख, 7 काजल की डिब्बी बांधकर कारोबारी प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर लटका दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

मीन राशि –

कांसे की कटोरी में बादाम का तेल थोड़ा सा उसमें चने की दाल के, थोड़ी सी पीली सरसो, आम के पांच पत्ते, एक गांठ हल्दी, इन समस्त सामग्री को अपने हाथ में लेकर ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरवे नम: मंत्र का 108 बार जाप करके इन समस्त सामग्रियों को हालिका दहन के दिन अग्नि को समर्पित कर दें। सारी समस्याओं का निवारण हो जाएगा.

पीले कपड़े में होलिका दहन की राख, तांबे के 7 सिक्के और 11 कौड़ी बांधकर घर, दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर लटका दें। सारी व्यावसायिक पीड़ाओं से छुटकारा मिलेगा.

पंडित -प्रिय शरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य