रायपुर- रमन सरकार द्वारा संविदा पर नियुक्त कुछ बड़े अधिकारियों के अपने पद से इस्तीफा दिये जाने के बाद अब संविदा पर नियुक्त मध्यम स्तर के अधिकारियों के भविष्य को लेकर ब्यूरोक्रैसी में हलचल तेज हो गई है. अभी भी रमन सरकार द्वारा नियुक्त 13 अधिकारी मंत्रालय में कार्यरत हैं और सरकार जाने के बाद अभी तक इन्होनें अपना इस्तीफा नहीं दिया है. मंत्रालय में पदस्थ सूत्र बताते हैं कि संविदा पर नियुक्त ये अधिकारी अब नई सरकार में अपने संपर्क बढ़ाने में जुट गये हैं,जिससे कि इस सरकार में भी उनकी नौकरी बरकरार रहे.

मिली जानकारी के मुताबिक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एम.के.त्यागी 2014 से लगातार संविदा नियुक्ति पर मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत हैं.इन्हें मुख्यमंत्री के सचिव के अलावा संचालक,ग्रामीण विकास संस्थान,निमोरा की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी.बताया जा रहा है कि अभी भी एम के त्यागी इन पदों पर बने हुए हैं.इनके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी पी निहलानी जुलाई 2013 से लगातार संविदा नियुक्ति पर कार्यरत हैं,जिन्हें तात्कालीन सरकार ने राजस्व एवं आपदा प्रवंधन विभाग में संयुक्त सचिव पद की जिम्मेदारी दी थी.इनकी संविदा नियुक्ति जुलाई 2018 में समाप्त हो चुकी है,लेकिन अभी ये सेवा वृद्धि की आस में लगातार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहें हैं.

इस सूची में एक और नाम संजीव बक्शी का है,जो राज्य प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं.इनकी संविदा नियुक्ति अप्रेल 2013 से लगातार चल रही है और इन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी. हालाकि इनकी संविदा नियुक्ति 24 अप्रेल 2019 तक के लिये दी गई थी.बक्शी के अलावा एक और नाम के.के.बाजपेयी का है,जो राज्य प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इन्हें 14 जनवरी 2013 से संविदा नियुक्ति पर सामान्य प्रशासन विभाग में संयुक्त सचिव पर नियुक्ति दी गई थी और इनकी नियुक्ति 13 जनवरी 2019 तक के लिये है.इनके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के दो और रिटायर्ड अधिकारी संयुक्त सचिव पद पर मंत्रालय में कार्यरत हैं,जो वर्ष 2013 से लगातार संविदा नियुक्ति पर चल रहें हैं.इनमें एस एल नायक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ,जबकि एस के चक्रवर्ती वित्त विभाग में कार्यरत हैं.इन दोनों की संविदा नियुक्ति वर्ष 2019 में समाप्त होगी.

मंत्रालय में ही अवर सचिव के पद पर कार्यरत नटवर लाल वर्मा मई 2013 से सामान्य प्रशासन विभाग में संविदा नियुक्ति पर हैं,जबकि आर.के.टंडन अपर सचिव, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में अक्टूबर 2016 से संविदा नियुक्ति पर चल रहें हैं.एक अन्य अधिकारी डी.के.ठाकुर मई 2018 से मुख्यमंत्री सचिवालय में संविदा नियुक्ति पर ओएसडी पद पर कार्यरत हैं. के.आर मिश्रा दिसंबर 2016 से सामान्य प्रशासन विभाग में अपर सचिव के पद पर संविदा नियुक्ति में हैं,वहीं एन एम घोड़की फरवरी 2017 से पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग में अवर सचिव पद पर कार्यरत हैं.इनके अलावा एक और सेवानिवृत्त अधिकारी शैलेन्द्र कुमार त्रिवेदी अक्टूबर 2013 से खनिज संसाधन विभाग में ओएसडी पद पर लगातार काम कर रहें हैं.

संविदा पर पिछले कई साल से कार्यरत इन अधिकारियों को लेकर मंत्रालय में जमकर कानाफूसी चल रही है कि अब नई सरकार में इन अधिकारियों के भविष्य का क्या होगा. मंत्रालय में नियमित अधिकारी-कर्मचारियों का मानना है कि संविदा में नियुक्त इन अधिकारियों को मलाईदार विभाग देकर लाख रुपये से ज्यादा का वेतन दिया जा रहा है,साथ ही स्टॉफ सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही है,लेकिन अनियमितता की शिकायतों पर इनके खिलाफ संविदा नियुक्ति प्रक्रिया में कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है,जिसके चलते संविदा पर कार्यरत ज्यादातर अधिकारी मनमानी करते आयें हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार संविदा नियुक्ति का सुख भोग रहे इन अधिकारियों को लेकर क्या रुख अपनाती है.