संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वालीं ऐश्वर्या श्रीनिवास भारत की एक प्रतिभाशाली कर्नाटक संगीतकार हैं. संगीत की अपनी बेमिसाल यात्रा के साथ, आज ऐश्वर्या संगीत उद्योग और सोशल मीडिया की दुनिया में एक प्रमुख नाम बन चुकी हैं. उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी शैलियों के साथ मिश्रित करने की अपनी अद्भुत कला के लिए जाना जाता है. अपनी एक से बढ़कर एक भावपूर्ण परफॉर्मेंसेस और मनमोहक रचनाओं के माध्यम से, वे दर्शकों के साथ गहनता से जुड़ने का हुनर बखूबी रखती हैं.

 ऐश्वर्या ने महज़ 12 वर्ष की छोटी उम्र में, अपने संगीत के सफर की नींव रखी और फिर कभी पीछे पलटकर नहीं देखा.  अपने इस सफर के बारे में बात करते हुए वे कहती हैं कि संगीत के प्रति मेरा झुकाव बेहद कम उम्र से रहा है. सबसे पहले माँ ने मेरी पसंद को पहचाना और उनके योगदान से ही मैं आज यह मुकाम हासिल कर पाई हूँ. माँ का मेरे लिए अटूट विश्वास देखकर ही मैंने संगीत के क्षेत्र में अपना करियर स्थापित करने की ठान ली थी. और मैं ऐसा मानती हूँ कि जो ठानो, वह करके दिखाओ, तब तो बात है.

मेंटॉर्स, जिन्होंने मेरे संगीत कौशल को आकार दिया

मेरे मेंटॉर्स ने मेरे संगीत के मार्ग को महत्वपूर्ण रूप में आकार दिया है. सभी ने मेरी संगीत की शैली और संगीत सूची पर विशिष्ट छाप छोड़ी है. मेरे गुरु डी.के. पट्टमल ने संगीत क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन के साथ ही मेरे जीवन और मूल्य प्रणाली के दृष्टिकोण को बखूबी प्रभावित किया. उन्होंने भावनाओं की दिशा में अपने महत्वपूर्ण मार्गदर्शन के साथ मेरे भीतर निहित स्वर को बाहर निकालना सिखाया. उन्होंने मुझे सिखाया कि हर वाक्य में भावना को कैसे उभारना है और किस प्रकार हर एक स्वर को जीवन से भर देना है. उनकी रागों और संगीत की विश्वविद्या ने मेरी संगीत सूची का विकास किया.

मैंने डॉ. एम. बालमुरलीकृष्ण से संगीत की शिक्षा प्राप्त की, जिन्होंने मुझे पारंपरिक कर्णाटक संगीत से बाहर निकलने में मदद की. पद्म भूषण पी.एस. नारायणस्वामी ने मेरी संगीत शैली को रेखांकित करने में मदद की और मेरे भीतर विस्तारित गहराई का उदाहरण दिया. आर.के. श्रीकांतन ने मेरी ध्वनि की तकनीकों को तराशा, इस प्रकार उन्होंने मेरी शैली को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया. मैंने महत्वपूर्ण अनुशासन के साथ अपनी संगीत की यात्रा का मार्गदर्शन किया है.

चुनौतियों या आलोचनाओं का सामना करना सामान्य बात

कर्णाटक-वेस्टर्न फ्यूज़न की प्रमुख प्रवर्तक के रूप में, मैं यह कह सकती हूँ कि किसी क्षेत्र विशेष को हासिल करने के लिए चुनौतियों या आलोचनाओं का सामना करना सामान्य बात है. इन परिस्थितियों से पार पाते हुए अपनी कला की दिशा तय करना और उसे निखारना ही एक असली कलाकार की पहचान है.

मेरे मेंटॉर्स की शिक्षाओं ने मेरी कला पर विश्वास किया और कला की अत्यधिकता की दिशा में मेरे साथ होने का आदर्श भी स्थापित किया. मेरे शिक्षकों की शिक्षा ने मुझे कला के उच्चतम मानक स्थापित करने और कला की अपारता के सामने विनम्र रहने की कला सिखाई है. इस प्रकार, मैंने हमेशा ही समान्यता को महत्वपूर्ण माना है. संगीत की अखंडता सर्वोपरि है, इस प्रकार मेरी रचनाएँ ईमानदार संगीतिक अन्वेषण से उत्पन्न होती हैं और सत्यता के साथ श्रोताओं से संवाद करती है.