रायपुर. सोशल मीडिया के बढ़ते असर के बीच उस पर लगाम कसने की कोशिशें भी शासन-प्रशासन की ओर से गाहे-बगाहे की जा रही है. ऐसे ही एक प्रयास करते हुए मध्यप्रदेश के भिंड जिले के कलेक्टर ने वाट्सएप के ग्रुप एडमिन के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का फरमान जारी कर दिया. इस पर सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद आखिरकार कलेक्टर को आदेश वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारोखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। चुनाव की तैयारी के बीच वाट्सएप प्रत्याशियों के लिए वाट्सएप के जरिए लोगों से जुड़ने का बेहतर जरिया बन गया है, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल की आशंका को देखते हुए भिंड जिले के कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता ने वाट्सएप ग्रुप एडमिन को रजिस्ट्रेशन कराने का फरमान जारी कर दिया, जो पलक झपकते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तीव्र विरोध को देखते हुए कलेक्टर गुप्ता को अपना फरमान वापस लेना पड़ा।
इस्तेमाल करने में भारतीय अव्वल
गौरतलब हो कि वाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले देशों में भारत पहले स्थान पर है. आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2017 में भारत में वाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले मोबाइलधारकों की संख्या 20 करोड़ के आसपास थी, जो रोजाना करीब 5 करोड़ संदेशों का आदान-प्रदान करते थे. न केवल संदेशों के लिए बल्कि वीडियो कॉलिंग के लिए भी वाट्सएप का इस्तेमाल करने में भारतीय दुनिया में सबसे आगे हैं. भारत में करीबन 5 करोड़ मोबाइलधारक वाट्सएप के वीडियो कॉलिंग फीचर का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं.