Whatsapp Call Ban: रूस ने WhatsApp और Telegram कॉलिंग पर पाबंदी लगा दी है. सरकारी एजेंसी Roskomnadzor का दावा है कि इन ऐप्स का इस्तेमाल धोखाधड़ी, पैसों की उगाही और आतंकवाद जैसी गतिविधियों में किया जा रहा था. इस कदम के साथ रूस ने इंटरनेट पर अपना नियंत्रण और कड़ा कर लिया है.
Also Read This: हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा और धमकी देने का मामला: राज ठाकरे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, एफआईआर दर्ज करने मांग

Whatsapp Call Ban
अपराध रोकने के नाम पर रोक
रूस के इंटरनेट रेगुलेटर Roskomnadzor के मुताबिक, पुलिस और आम लोगों से शिकायत मिली थी कि इन विदेशी मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल धोखाधड़ी, पैसे की उगाही, तोड़फोड़ और आतंकवाद जैसी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. उनका कहना है कि कई बार इन कंपनियों को सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. फिलहाल, WhatsApp और Telegram ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.
इंटरनेट पर सख्ती बढ़ रही है (Whatsapp Call Ban)
पिछले कुछ सालों में रूस ने इंटरनेट पर पकड़ मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें सख्त कानून बनाना, नियम न मानने वाली वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करना और ऑनलाइन ट्रैफिक पर निगरानी रखना शामिल है. लोग VPN का इस्तेमाल करके इन रोकों को पार करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सरकार समय-समय पर उन पर भी पाबंदी लगा देती है.
Also Read This: स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने भारत के महावाणिज्य दूतावास के बाहर जुटे खालिस्तानी
नए कानून और हालिया कदम (Whatsapp Call Ban)
इस साल गर्मियों में मोबाइल इंटरनेट को कई बार बंद किया गया और एक नया कानून पास किया गया जिसमें गैर-कानूनी कंटेंट खोजने पर सजा हो सकती है. इसी दौरान WhatsApp पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई. साथ ही, रूस ने अपना नया नेशनल मैसेजिंग ऐप ‘MAX’ लॉन्च किया, जिसे कड़े सरकारी निगरानी में चलाया जाएगा. पिछले हफ्ते से ही कई यूजर्स ने शिकायत की थी कि WhatsApp और Telegram पर कॉल कनेक्ट नहीं हो रही या आवाज साफ नहीं आ रही.
रूस में WhatsApp और Telegram की लोकप्रियता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में WhatsApp रूस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्लेटफॉर्म था, जिसके करीब 9.6 करोड़ मासिक यूजर्स थे. Telegram 8.9 करोड़ यूजर्स के साथ दूसरे नंबर पर था. Telegram पहले भी सरकार के निशाने पर रहा है. 2018 से 2020 तक इसे ब्लॉक करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली. 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद रूस ने Facebook और Instagram को बैन कर दिया और Meta (जो WhatsApp की मालिक है) को ‘चरमपंथी’ संगठन घोषित कर दिया.
MAX मैसेंजर का मकसद (Whatsapp Call Ban)
MAX ऐप को सिर्फ चैटिंग के लिए नहीं, बल्कि सरकारी सेवाओं और पेमेंट्स के लिए भी बनाया गया है. जुलाई तक इसके 20 लाख से ज्यादा यूजर्स जुड़ चुके थे, लेकिन यह अभी ज्यादा लोकप्रिय नहीं है. इस ऐप की शर्तों में साफ लिखा है कि जरूरत पड़ने पर यूजर्स का डेटा सरकार को दिया जाएगा. नए नियमों के तहत रूस में बिकने वाले हर स्मार्टफोन में यह ऐप पहले से इंस्टॉल करना जरूरी होगा. सरकारी दफ्तरों, अधिकारियों और बिजनेस सेक्टर को भी अपने कम्युनिकेशन इसी प्लेटफॉर्म पर लाने की सलाह दी जा रही है.
Also Read This: देश को जल्द मिलेगा अगला उपराष्ट्रपति? मोदी-शाह से मिले कई राज्यपाल और LG
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें