अमृतसर। पंजाब के अटारी बॉर्डर पर ढाई महीने से फंसे पाकिस्तान के एक हिंदू परिवार में बच्चे का जन्म हुआ है. माता-पिता ने सीमा पर पैदा होने के कारण बच्चे का नाम ‘बॉर्डर’ ही रख दिया है, ताकि ये वक्त हमेशा याद रहे. यह परिवार 99 लोगों के दल में शामिल है, जो वीजा की गड़बड़ी के कारण भारत में ही अटके हुए हैं.

 

भारत में फंस गए हैं पाकिस्तानी परिवार

कोरोना से पहले अपने रिश्तेदारों को मिलने और हिंदू मंदिरों के दर्शन के लिए 99 हिंदुओं का एक दल भारत पहुंचा था. ये सभी पाकिस्तान के नागरिक हैं, लेकिन वीजा की अवधि खत्म होने और जरूरी दस्तावेजों की कमी के कारण वापस अपने देश नहीं जा पा रहे हैं. इसी कारण ढाई महीने से उन्होंने भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाले अमृतसर के अटारी-वाघा बॉर्डर पर डेरा लगाया हुआ है. इसी डेरे में 2 दिसंबर को बच्चे ने जन्म लिया है, जिसका नाम बॉर्डर रखा गया है.

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बच्चे के पिता पाकिस्तान के रहमिया के गांव राजनपुरा निवासी बालम राम ने बताया कि 2 दिसंबर को उनकी पत्नी को बच्चा हुआ. उन्होंने आसपास के गांव के लोगों से मदद ली. स्थानीय लोगों ने ही उनकी पत्नी को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई. बॉर्डर पर हालातों को देखकर ही उन्होंने अपने बेटे का नाम बॉर्डर रखने का फैसला लिया. बालम राम ने बताया कि उनका बेटा बड़ा होकर बॉर्डर नाम के बारे में पूछेगा, तब वे उसे बताएंगे कि उसका जन्म किन परिस्थतियों में और कहां हुआ.

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बालम राम ने बताया कि इमिग्रेशन अधिकारी दस्तावेज पूरे ना होने के कारण उन्हें पाकिस्तान नहीं जाने दे रहे. अब उनके घर बॉर्डर का जन्म हो गया है, इसलिए अब उसके दस्तावेज और सर्टिफिकेट और पासपोर्ट भी उन्हें बनवाना होगा. इसके बाद ही पूरा परिवार पाकिस्तान जा पाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के एजेंट की गलती के कारण आज वे सभी यहां फंसे हुए हैं. उनके पासपोर्ट पर 25 दिन का वीजा लगाया गया था, लेकिन एजेंट ने उन्हें गलत जानकारी देकर बता दिया कि वीजा तीन महीने का है.