नारायण नागबली ये दोनों विधि मानव की अपूर्ण इच्छा, कामना पूर्ण करने के उद्देश से की जाती हैं. नारायण बलि का उद्देश मुखत: पितृदोष निवारण करना है और नागबली का उद्देश सर्प/साप/नाग हत्याह का दोष निवारण करना है. केवल नारायण बलि यां नागबली कर नहीं सकतें, इसलिए ये दोनो विधि एकसाथ ही करनी होती है. यदि कोई बीमारी से पीड़ित है, बुरे समय से गुजर रहा है, या तो परिवार में किसी ने सांप को मार दिया है. कोई बच्चा नहीं होने के कारण परेशान है या अगर किसी व्यक्ति के पास सब कुछ है और वे सब कुछ करने के लिए कुछ धार्मिक पूजा करना चाहते हैं. Read More – World Penguin Day : अपने खाने के लिए बहुत लंबी दूरी तय करते हैं पेंगुइन, जानिए उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें …
निम्नलिखित इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए की जाती है पूजा
- संतान प्राप्ति के लिए
- भूत प्रेतों से छुटकारा पाने के लिए
- घर के किसी व्यक्ति की उनुचित घटनाओं के कारण मृत्यु होती है (अपघात, आत्महत्या, पानी में डूबना) इस की वजह से अगर घर में कोई समस्याए आती है. तो उन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह विधि क्या जाता है.
- काले जादू के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए. Read more – Singham Again : फिर से पर्दे पर लौटने को तैयार हैं Rohit Shetty और Ajay Devgan, ‘सिंघम अगेन’ के रिलीज डेट की हुई घोषणा …
अगर किसी शापित व्यक्ति की मृत्यु पश्चात् उसका अन्त्य विधि शास्त्रों अनुसार संपन्न न हुआ हो, या श्राद्ध न किया गया हो. तो उस वजह से उस से सम्बंधित व्यक्तिओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इन सब परेशानी से मुक्ति के लिए नारायण-नागबली विधि की जाती है. “धर्मसिंधु” और “धर्मनिर्णय” इन प्राचीन ग्रंथो में इस विधि के बारे में लिखा हुआ है.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक