हिंदू धर्म में चातुर्मास को चार पवित्र महीनों की साधना यात्रा माना गया है. यह समय पूजा-पाठ, दान, व्रत और आत्मशुद्धि का है. मान्यता है कि इन महीनों में ईश्वर आराधना से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन के संकट दूर होते हैं.

चातुर्मास कब से शुरू होता है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से होती है. इस वर्ष यह तिथि 6 जुलाई 2025 को पड़ रही है. इसी दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं और प्रबोधिनी एकादशी (7 नवंबर 2025) तक शयन करते हैं.
क्या करें चातुर्मास में?
- नियमित स्नान, दान, जप और ध्यान करें
- सात्विक आहार अपनाएं
- आलस्य, क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूरी बनाएं
- मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि से परहेज करें
- धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और सत्संग में भाग लें
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