रायबरेली. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने पत्रकार राघव त्रिवेदी को बेरहमी से पीटा. पत्रकार राघव का कसूर यह था कि वे रैली में आई महिलाओं से वह सवाल-जवाब कर रहे थे, जिसमें महिलाओं ने बताया कि “उन्हें रैली में आने के लिए पैसे दिए गए थे.”
रायबरेली में गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा के दौरान एक यूट्यूब चैनल के पत्रकार राघव त्रिवेदी की पिटाई का मामला सामने आया है. Molitics वेब पोर्टल से जुड़े पत्रकार राघव त्रिवेदी का आरोप है कि वह बीजेपी की सभा में महिलाओं से सवाल पूछ रहे थे, तब पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरफ से उनकी बेरहमी से पिटाई की गई. उनका मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया है. इस मामले में कैमरामैन की तरफ से 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- यूपी के रायबरेली में अमित शाह की रैली थी. यहां महिलाओं ने एक पत्रकार को बताया कि उन्हें पैसे देकर रैली में लाया गया है. पत्रकार ने यह बात रिकॉर्ड कर ली. इसके बाद BJP के गुंडों ने पत्रकार को पकड़ लिया और उससे वीडियो डिलीट करने को कहा. जब पत्रकार ने मना किया तो BJP के गुंडों ने उसे अगवा कर लिया, फिर मंच के पीछे एक कमरे में ले जाकर बुरी तरह पीटा. पत्रकार से रुपए भी छीन लिए. BJP के गुंडों ने हाल ही में अमेठी के कांग्रेस कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की थी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया था. ये घटनाएं बता रही हैं कि BJP के लोग सामने दिख रही हार से बौखला चुके हैं. अब अन्याय का अंत होने को है.
प्रियंका गांधी ने कहा- रायबरेली में गृहमंत्री की सभा में भाजपा के लोगों द्वारा @moliticsindia के पत्रकार राघव त्रिवेदी को बेरहमी से पीटा गया. गृहमंत्री भाषण देते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही. पत्रकार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने कुछ महिलाओं से बात की थी जो कह रही थीं कि सभा में आने के लिए उन्हें पैसे दिए गए. पूरे देश के मीडिया का मुंह बंद कर देने वाली भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं है कि उनके खिलाफ कहीं कोई आवाज उठे. संविधान खत्म करने का अभियान चला रही भाजपा इस देश से लोकतंत्र को खत्म कर जनता की आवाज छीन लेना चाहती है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले पर कहा- हिंसा हार की निशानी होती है. भाजपा की रायबरेली की एक रैली में पैसे देकर लाए गये लोगों के बारे में जब दिल्ली के एक पत्रकार ने सच सबके सामने लाना चाहा तो भाजपाइयों ने उसके ऊपर हमला कर दिया. यही है उप्र में क़ानून-व्यवस्था का सच. जब देश के गृहमंत्री की रैली में ये हाल है, जिनके अधीन पुलिस होती है तो फिर बाक़ी देश का कितना बुरा हाल होगा, कहने की ज़रूरत नहीं. भाजपा हिंसक माहौल बनाकर चुनाव जीतना चाहती है. #कभी_नहीं_चाहिए_भाजपा
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