Manmohan Singh passed away. दिग्गज अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया. दिल्ली स्थित AIIMS में उन्होंने 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली. आज देश उनके योगदान को याद कर रहा है. राजनीतिक गलियारों में भी उनके सरल स्वाभाव और असरदार व्यक्तित्व की चर्चा है. तमाम नेता उनके शांत मिजाज को याद कर रहे हैं. मनमोहन सिंह की यही खासियत लोगों को उनसे जोड़ती थीं. उनकी इस स्वभाव के सभी कायल थे. लिहाजा भले ही वे आज हम सबके बीच नहीं हैं, लेकिन उनके व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों की यादों में हैं.

एक किस्सा बसपा सुप्रीमो मायावती (mayawati) का भी है जो डॉक्टर साहब की सादगी और सरलता को दिखाता है. 2012 में एफडीआई (FDI) को लेकर बसपा समेत कई दल उनके खिलाफ थे. ऐसे में मनमोहन सिंह ने नाराज मायावती को लंच (lunch) पर बुलाया और उनके सामने अपनी बात रखी. जिसके बाद मायावती ने भी अपना रुख बदल दिया.

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शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला था, लेकिन इससे पहले सरकार फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट को लेकर विरोध झेल रही थी. ऐसे में मनमोहन सरकार बाहरी दलों के सहयोग की जरुरत थी. वे चाहते थे पार्टियां उनका साथ दे. लेकिन स्थिति विपरित थी. मायावती भी सरकार के खिलाफ मुखर थीं. ऐसे में मनमोहन सिंह ने नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती को अपने घर लंच पर बुलाया.

खाने की मेज पर पलट गई थी तस्वीर

प्रधानमंत्री के न्योते पर मायावती प्रधानमंत्री आवास पहुंची. खाने की मेज पर मनमोहन सिंह ने मायावती के सामने अपनी बात रखी. उनकी बात सुन मायावती ने एफडीआई को लेकर नरम रुख अपना लिया और उन्होंने सरकार को समर्थन दे दिया. ये उदाहरण है मनमोहन सिंह के सरल और शांत स्वभाव का. सौम्यता और सहजता से कैसे अपने विरोधियों को समझाया जा सकता है, कैसे उनके सामने अपनी बात रखी जा सकती है ये कला डॉक्टर साहब को बखूबी आती थी. उनकी इसी कला के लोग कायल थे.