सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा और संसद में शिवराज के द्वारा उठाए गए किसानों के मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा राज्यसभा में शुक्रवार को आपके दिये गये भाषण में आपने मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के कार्य में ये आरोप लगाया था, कि मैने मध्य प्रदेश में सिंचाई को तरजीह नही दी। मेरे समय में केवल 7.5 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी, जो आपने बढ़ाकर 20 साल में 40 लाख हैक्टेयर के ऊपर की।

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पत्र के माध्यम से दिग्विजय ने कही ये बात 

1. मै आपकी सेवा में History of Department of the irrigation in the state of MP की प्रति संलग्न कर रहा हूॅ। उस रिपोर्ट के अनुसार अविभाजित मध्यप्रदेश की वर्ष 1997-1998 तक 33.11 लाख हेक्टेयर भूमि नहरों से सिंचित हो गई थी व यदि उसमें उद्वहन सिंचाई योजना भी जोडे तो लगभग 57.84 लाख हेक्टेयर वर्ष 2003 तक सिंचित क्षेत्रफल हो गया था।

2. आपने नदी इंटर लिंकिंग पर भी अपने विचार रखे। मैं मूलरूप में नदी इंटर लिंकिंग का पक्षधर नही रहा और आज भी नही हूं। नदी इंटर लिंकिंग मंहगा है और व्यावहारिक भी नहीं है।

3. कांग्रेस पार्टी के कमलनाथ मुख्यमंत्री, कार्यकाल में किसानो का कर्जा माफ करने का एतिहासिक कदम उठाया था। लेकिन आपने अपने भाषण में असत्य आरोप लगाया था कि म.प्र. में किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ था। आपके कार्यकाल 2020 के विधानसभा सत्र के प्रश्न में तत्कालीन कृषि मंत्री ने जवाब दिया था उसे संलग्न कर रहा हूं । जिसमें 27 लाख किसानों का 11646.98 करोड रूपये कर्जा माफ होने का उल्लेख है।

यही नहीं है आप ही के भाई रोहित सिंह और निरंजन सिंह आपके चचेरे भाई का भी कर्जा माफ हुआ है। दिग्विजय ने कहा आप केन्द्रीय कृषि मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर हैं, अतः इस प्रकार के असत्य बयान देना आपको शोभा नहीं देता।

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