रोहित कश्यप, मुंगेली। आदिवासी समाज की समग्र और संतुलित विकास यात्रा को नई दिशा देने के लिए मुंगेली जिले में ‘‘आदि कर्मयोगी अभियान’’ की जोरदार शुरुआत हो चुकी है। बुधवार को कलेक्टर कुंदन कुमार और सीईओ जिला पंचायत प्रभाकर पांडेय ने कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में ‘I am आदि कर्मयोगी’ बैच पहनकर जैसे ही कार्यक्रम में प्रवेश किया, माहौल प्रेरणादायक बन गया। अफसरों की यह पहल सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि एक बड़ा और सशक्त संदेश है — “अब प्रशासन खुद पहुंचेगा जनजातीय अंचलों तक, योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना ही असली सेवा है।”

22 हजार से अधिक जनजातीय नागरिकों को मिलेगा सीधा लाभ
इस अभियान के तहत जिले के तीनों विकासखंडों में स्थित 35 चिन्हांकित आदिवासी बहुल ग्रामों में एक-एक “आदि सेवा केंद्र” (वन-स्टॉप सेवा केंद्र) की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रोें के माध्यम से 5,498 जनजातीय परिवारों के 22,890 से अधिक नागरिकों तक योजनाओं का लाभ सीधा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।यह केंद्र न केवल योजना की जानकारी देंगे, बल्कि शिकायत निवारण, सहायता, संपर्क विवरण, और स्थानीय विकास योजना के लिए भी अहम भूमिका निभाएंगे। इन केंद्रों से जुड़कर प्रत्येक गांव को विकास की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी।

‘आदि कर्मयोगी’, ‘आदि साथी’ और ‘आदि सहयोगी’ निभाएंगे अहम जिम्मेदारी
अभियान के क्रियान्वयन के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित ‘आदि कर्मयोगी’, ‘आदि साथी’ और ‘आदि सहयोगी’ नामक तीन स्तरों पर कार्यकर्ता नियुक्त किए जाएंगे। ये फील्ड स्तर पर जाकर जरूरतमंदों से संवाद करेंगे, योजनाओं के क्रिटिकल गैप को चिन्हांकित कर सातत्य और संतृप्ति के साथ लाभ दिलवाने में मदद करेंगे।
कलेक्टर बोले – “अब अफसर खुद आदिवासियों के बीच जाएंगे”
प्रेसवार्ता के दौरान कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कहा कि यह महज एक अभियान नहीं, बल्कि एक संकल्प है — शासन की हर योजना आदिवासी घर-घर तक पहुंचे। अब जिला स्तर के अधिकारी हर सप्ताह एक दिन आदिवासी ग्रामों में रहकर जमीनी हकीकत समझेंगे, संवाद करेंगे और समाधान देंगे। कलेक्टर ने आगे बताया कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” को मूर्त रूप देने की दिशा में एक ठोस कदम है।
सीईओ जिला पंचायत का यह है संदेश
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर पांडेय ने कहा कि “योजनाओं का सिर्फ कागजों में होना पर्याप्त नहीं। व्यवस्था को जमीन तक लाना ही असली प्रशासनिक जवाबदेही है। आदि कर्मयोगी योजना इस सोच को साकार करने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।” इससे पहले कलेक्टर ने इस अभियान को लेकर अफसरों को बैठक ली। इस मौके पर जिले के सभी विभागों से जुड़े अधिकारी, ब्लॉक स्तरीय कर्मी, प्रशिक्षणार्थी, और मीडिया प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
मनियारी सभाकक्ष में आयोजित इस जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम ने अभियान की दिशा और दशा, दोनों को स्पष्ट कर दिया है।अब सिर्फ दफ्तरों से नहीं चलेगा शासन, कर्मयोगी बनकर गांव-गांव जाना होगा” — यही संदेश लेकर कलेक्टर-सीईओ जब ‘I am आदि कर्मयोगी’ टैग लगाकर कार्यक्रम में शामिल हुए, तो यह दृश्य अपने आप में प्रेरणास्पद बन गया।
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