रायपुर- अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य अतिथि के दर्जे से बाहर कर दिया है ! दरअसल ये जवाब किसी और ने नहीं बल्कि शासन के प्रोटोकाॅल अधिकारी ने उस वक्त दिया, जब कांग्रेस की ओऱ से दिग्विजय सिंह के दौरे के मद्देनजर राज्य अतिथि गृह ‘ पहुना ‘ देने की मांग पत्र भेजकर की गई थी. कांग्रेस का आरोप है कि प्रोटोकाॅल ने पहुना की जगह सर्किट हाॅउस का कमरा नंबर 305 यह कहते हुए अलाॅट किया कि दिग्विजय सिंह और मोतीलाल वोरा को राज्य अतिथि के दर्जे से बाहर कर दिया गया है.
प्रोटोकाॅल के जवाब से कांग्रेस नेताओं की गहरी नाराजगी के बीच नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह को राज्य अतिथि का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शासन को पत्र भी लिखा. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान छत्तीसगढ़ उसका हिस्सा था. इस नाते उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा देते हुए उनके लिए पहुना में कक्ष आरक्षित किया जाए, लेकिन इस पत्र का भी कोई खास असर होता नजर नहीं आय़ा. कांग्रेस के नेता बताते हैं कि इसके बाद पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा ने मुख्य सचिव विवेक ढांड को फोन कर इस मामले पर चर्चा की. इसके बाद विवेक ढांड के निर्देश पर राज्य अतिथि गृह पहुना में दो कमरे अलाॅट किए गए.
इधर इस पूरे मामले को लेकर भड़की कांग्रेस ने प्रोटोकाॅल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव अजय साहू ने कहा कि-
दिग्विजय सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. पूर्व मुख्यमंत्री के नाते उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाना चाहिए. जब कांग्रेस ने ही पहुना गेस्ट हाउस की मांग की थी तो ये दलील देना अनुचित है कि दिग्विजय सिंह को राज्य अतिथि का दर्जा नहीं है. हर बार जब कांग्रेस के वरिष्ठ कद के नेता छत्तीसगढ़ दौरे पर आते हैं, ऐसे ही हालात से पार्टी को जूझना पड़ता है. ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए तुरंत हटा दिया जाना चाहिए. स्टेट प्रोटोकाॅल आफिसर अवस्थी और असिस्टेंट प्रोटोकाॅल आफिसर अरविंद अवस्थी को पद से हटा दिया जाना चाहिए. ये चौंकाने वाली है कि एक अधिकारी राज्य गठन के बाद से लगातार प्रोटोकाॅल देख रहा है. उन्हें फोन लगाने पर वह फोन का जवाब भी नहीं देते.