गोविन्द पटेल, कुशीनगर. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला देखने को मिला है. बरवा पट्टी थाना क्षेत्र के दशहवा भेड़िहारी में गरीब को अस्पताल से पत्नी और नवजात को छुड़ाने के लिए अपने दो साल के बेटे को बेचना पड़ा.

क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नॉर्मल डिलवरी के बाद संचालक ने 20 हजार रुपए मांगे. तत्काल रुपए नहीं मिलने पर प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया गया. बेबस पिता ने नवजात और पत्नी को अस्पताल से छुड़ाने के लिए अपने दो साल के बेटे को बेच दिया. घर पहुंचने पर पत्नी ने जब दो साल के बेटे को तलाशना शुरू किया तो पति की आंखें छलक उठीं और पूरी बात बताई.

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भेड़िहारी गांव निवासी हरेश पटेल की पत्नी लक्ष्मीना देवी को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई. हरेश उसे लेकर गांव के एक निजी अस्पताल गया, जहां नॉर्मल प्रसव हुआ. जहां पैसे न मिलने पर नवजात व उसकी मां को बंधक बना लिया. जिसको छुड़ाने के लिए अपने बच्चे को बेचना पड़ा. तब वह अपने नवजात बच्चे और पत्नी को छुड़ा पाया यह खबर मीडिया में आते ही हड़कंप मच गया.

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पुलिस अधीक्षक ने सीओ तमकुहीराज को जांच का निर्देश दिया है. रुपए के अभाव में प्रसूता को बंधक बनाने वाले अस्पताल संचालक और जिस महिला ने सौदा कराया. उसकी तलाश की जा रही है. अब देखने वाली बात होगी कि इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई होती है.

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