रोहित कश्यप, मुंगेली। लॉकडाउन की मुश्किलों के बीच अपने गंतव्य के लिए निकले प्रवासी मजदूरों को छत्तीसगढ़ सरकार हरसंभव मदद करने में जुटी हुई है. जिले के सरगांव इलाके के चन्द्रखुरी में बनाये गए श्रमिक सहायता केंद्र में रोजाना सैकड़ों लोगों को भोजन कराया जा रहा है. केंद्र में उस वक्त भावुकता भरा क्षण आया, जब डिप्टी कलेक्टर व एसडीएम बृजेश सिंह क्षत्रिय खुद मजदूरों को भोजन परोसने लगे.

बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर चंदखुरी में कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे की पहल पर जिला प्रशासन पिछले डेढ़ माह से श्रमिक सहायता केंद्र का संचालन किया जा रहा है. इस केंद्र में मजदूरों के लिए भोजन, पानी, स्वास्थ्य संबंधित प्रारंभिक जांच के अलावा रहने की व्यवस्था की गई है. केंद्र में रोजाना सैकड़ों मजदूर भोजन करते हैं. केंद्र में अब तक करीब 20 हजार प्रवासी मजदूरों को भोजन कराया जा चुका है.

कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम यहां ना सिर्फ भोजन व्यवस्था की कमान संभाले हुए हैं बल्कि भरी दोपहरी में सड़क से गुजर रहे मजदूरों को खड़े होकर भोजन करने और आराम करने के लिए आमंत्रित करने से पीछे नहीं हटते. केंद्र की व्यवस्था पर lalluram.com से चर्चा में एसडीएम बृजेश सिंह क्षत्रिय ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा 27 मार्च से श्रमिक सहायता केंद्र का संचालन किया जा रहा है. केंद्र में रायपुर – बिलासपुर आने-जाने वाले मजदूरों के लिए भोजन, पानी और विश्राम की सुविधा देने के साथ निर्धारित सीमाओं तक छोड़ने के लिए वाहन भी मुहैया कराई है.

एसडीएम ने कहा कि मजदूरों की सेवा में लगे सरपंच, पंच, स्वास्थ्य कर्मचारी और महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करने वे रोज यहां पहुंचते हैं. अनेक अवसरों पर जरूरत पड़ने पर और भीड़ की स्थिति में खुद ही भोजन परोसने से गुरेज नहीं करते. जिला प्रशासन की इस व्यवस्था से भूख से छटपटाते एवं सफर में थके मजदूर जब यहां पहुंच रहे हैं तो एक पल के लिए ही सही मुर्झाये और मायूस मजदूरों के चेहरो पर मुस्कान जरूर लौट आती है.

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